मुंबई क्रिकेट टीम ने चौथी बार विजय हजारे ट्रॉफी जीत ली है। 14 मार्च को हुए फाइनल में मुंबई ने उत्तर प्रदेश को 6 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ ही मुंबई तमिलनाडु के बाद संयुक्त रूप से टूर्नामेंट इतिहास की दूसरी सबसे सफल टीम बन गई।
तमिलनाडु ने 5 बार यह टूर्नामेंट जीता है। वहीं, मुंबई और कर्नाटक ने 4-4 बार विजय हजारे ट्रॉफी अपने नाम की। मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ टूर्नामेंट के एक सीजन में 800 या इससे ज्यादा रन बनाने वाले पहले प्लेयर बन गए। उन्होंने इस सीजन में 8 मैच में 4 शतक की मदद से 827 रन बनाए।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी यूपी की टीम को माधव कौशिक और समर्थ सिंह ने अच्छी शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 122 रन जोड़े। समर्थ 55 रन बनाकर आउट हुए। कप्तान करण शर्मा (0) और प्रियम गर्ग (21 रन) कुछ खास नहीं कर सके। अक्षदीप नाथ ने 40 गेंदों पर 55 रन बनाए। वहीं, माधव कौशिक ने 156 गेंदों पर 158 रनों की नाबाद पारी खेली। इसकी बदौलत यूपी की टीम ने 50 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 312 रन बनाए। मुंबई की ओर से तनुष कोटियान ने 2 और प्रशांत सोलंकी ने 1 विकेट लिया।
313 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी मुंबई की टीम को पृथ्वी और यशस्वी जायसवाल ने शानदार शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 55 गेंदों पर 89 रन जोड़े। पृथ्वी 39 गेंदों पर 10 चौके और 4 छक्के की मदद से 73 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद यशस्वी भी 29 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद विकेटकीपर बल्लेबाज आदित्य तारे और शम्स मुलानी ने तीसरे विकेट के लिए 88 रन जोड़े।
मुलानी 36 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद शिवम दुबे ने आदित्य के साथ मिलकर मुंबई को जीत की दहलीज तक ले गए। आदित्य ने टूर्नामेंट की पहली सेंचुरी लगाई। शिवम 42 रन बनाकर समीर चौधरी की बॉल पर आउट हुए।
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