पर्यावरण सरंक्षण, बढ़ते प्रदूषण पर रोकथाम, उपभोक्ताओं को अधिक माइलेज वाली आधुनिक कारों के प्रति आकर्षित करने और देश में वाहन विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार सड़कों से पुराने वाहनों को हटाने की कवायVEद में जुटी है। इसके लिए सरकार नई कबाड़ नीति लागू करने वाली है, लेकिन इसके पहले ही सरकार ने केंद्र, राज्य सरकार व नगर निगम के 15 साल पुराने वाहनों (कार, जीप, ट्रक, रोडवेज बस आदि) को कबाड़ में बेचने की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें ऐसे पुराने वाहनों का एक अप्रैल 2022 से देश में कहीं भी पंजीकरण नहीं कराया जा सकेगा।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने हितधाकरों से सुझाव-आपत्ति दर्ज कराने के लिए 12 मार्च को मसौदा अधिसूचना जारी कर दी है। इसके मुताबिक केंद्र सरकार व उनके विभाग, नगर निगम, नगर पालिका, पंचायत, केंद्र-राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों व स्वायत्त निकाय में चल रहे 15 साल पुराने वाहनों का पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं किया जा सकेगा।
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सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय का प्रस्ताव है कि 15 साल पुराने निजी-व्यवसायिक वाहनों के पंजीकरण का नवीनीकरण, फिटनेस प्रणाम पत्र आदि की दरों में तीन गुना बढ़ा दिया जाएगा। पुराने व्यावसयिक वाहनों को प्रत्येक छह माह में सड़क पर चलाने के लिए फिटनेस प्रणाम पत्र लेना होगा। नए थ्री व्हीलर व ऑटो का पंजीकरण पांच हजार रुपये में होगा वहीं पुराने वाहन का शुल्क 10,000 रुपये होगा। नए एलएमवी (लग्जरी टैक्सी) का पंजीकरण शुल्क पांच हजार रुपये होगा जबकि पुराने का नवीनीकरण का शुल्क 15,000 रुपये कर दिया गया है। ट्रक, बस आदि भारी वाहनों के नवीनीकरण को 20 हजार से बढ़ाकर 40,000 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है।
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