साहित्य अकादमी ने 20 भाषाओं के लिए अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा की है। अकादमी ने पुरस्कार देने के लिए सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, पांच कहानी-संग्रह, दो नाटक, एक – एक संस्मरण और महाकाव्य चयन किया है।
इस बार के घोषित पुरस्कारों में बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली अनामिका को साहित्य का सर्वोच्च सम्मान दिया गया है। वे हिंदी में कविता संग्रह के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाली देश की पहली महिला साहित्यकार बन गई हैं। मुजफ्फरपुर की अनामिका के अलावा मधुबनी के रहने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार कमलकांत झा को भी वर्ष 2020 के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है।
बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली अनामिका को यह सम्मान उनकी हिंदी कविता संग्रह टोकरी में दिगंत – थेरीगाथा के लिए दिया गया है। कविता संग्रह ‘टोकरी में दिगन्त’ 2014 में प्रकाशित हुआ था। 1961 में जन्मी अनामिका दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज में अंगेजी की प्राध्यापिका हैं। उन्होंने कविता के साथ उपन्यास और कहानियां भी लिखी हैं। ये बिहार की तीसरी और देश की पहली साहित्यकार हैं जिन्हे हिंदी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। इस बार बिहार के तीन साहित्यकारों को साहित्य अकादमी पुरस्कार का मिला हैं।
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