विश्व की बेहतरीन रेल सेवाओं में से एक भारतीय रेलवे रफ्तार एवं आधुनिक सुविधा के साथ इलेक्ट्रिक पटरी पर दौड़ेगी। बजट 2021-22 में रेलवे को रिकॉर्ड 1,10,055 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। इसमें 1,07,100 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए है। वहीं, ‘राष्ट्रीय रेल योजना-2030’ के तहत भविष्य की रेल को पटरी पर दौड़ाने की कवायद शुरू की जाएगी।
रेलवे ने यात्रियों की आवश्यकता को देखते हुए राष्ट्रीय नीति तैयार की है। इसमें हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, हाई स्पीड बुलेट ट्रेन, दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता रूट पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आधुनिक ट्रेनें चलाई जाएंगी। साथ ही स्टेशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने के साथ ही स्टेशन परिसर में रिहायशी फ्लैट, कोचिंग इंस्टीट्यूट, हेल्थ प्वाइंट, मॉल व कॉमर्शियल हब तैयार किया जाएगा।
रेलवे में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए उद्योग जगत की मदद के लिए माल ढुलाई की लागत में कमी लाई जाएगी। जून, 2022 तक वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और ईस्टर्न डेडिकेडेट फ्रेट कॉरिडोर की शुरुआत हो जाएगी। ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर के 263.7 किलोमीटर लंबे सोनानगर व गोमोह सेक्शन का निर्माण पीपीपी मोड के तहत किया जाएगा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023 तक विद्युतीकृत ट्रैक का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। 41,548 रूट किलोमीटर 2021 के अंत तक विद्युतीकृत करने और 72 प्रतिशत विस्तार तक पहुंचने की संभावना है। इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलेगी तो डीजल के उपयोग में कमी आने से करोड़ों रुपये की बचत होगी, वायु प्रदूषण भी नहीं होगा।
अत्यधिक व्यस्त रेल मार्गों पर यात्रियों को सुविधा प्रदान करने तथा रेल दुर्घटनाओं में न्यूनतम मानवीय हानि के लिए देश में विकसित रेल सुरक्षा प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा। आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम के वार्निंग प्रोटेक्शन सिस्टम से ट्रेन टकराने की आशंका खत्म हो जाएगी।
शानदार यात्रा अनुभव के लिए पर्यटक रूटों पर विस्टाडोम एलएचवी कोच शुरू किए जाएंगे। जल्द ही 44 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन भी पटरी पर उतारी जाएंगी।
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनीत शर्मा ने सोमवार को केंद्रीय बजट 2021-22 को राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के लिए परिवर्तनकारी बजट बताया। कोरोना काल में ट्रेनों की औसत गति 23 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ाकर 46 किलोमीटर हुआ है। पिछले साल की तुलना में 37,050 करोड़ रुपये अधिक बजट में प्रावधान है। जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर पूर्वी क्षेत्र की राष्ट्रीय परियोजनाओं को अब तक का 12,985 करोड़ रुपये का उच्चतम आवंटन किया गया है।
ये भी पढ़ें— Indina Railways : यूटीएस ऑन मोबाइल एप फिर से सक्रिय, जानें विशेषताएं
ये भी पढ़ें— Budget : बजट कैसे तैयार होता है? इसमें क्या-क्या होता है? जानें विस्तार से
ये भी पढ़ें— UP Budget 2021-22 : UP की योगी आदित्यनाथ सरकार के बजट की बड़ी बातें
ये भी पढ़ें— Budget 2021-22 : ऐसे भत्ते जिन पर लगता है टैक्स, जानेंगे तो फायदे में रहेंगे