भारतीय जनता पार्टी के सांसद और वर्तमान वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर टेरिटोरियल आर्मी के कैप्टन बन गए हैं। ये हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से सांसद हैं। ये 2016 में टीए में लेफ्टिनेंट कर्नल बने थे। अब इनका प्रमोशन हो गया है। वह पहले ऐसे सेवारत सांसद और मंत्री हैं जिन्होंने टीए में यह पद हासिल हुआ है।
अनुराग ठाकुर का पुरा नाम अनुराग सिंह ठाकुर हैं। ये 2009 के उपचुनाव एवं 2014 के आम चुनावों में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। वह हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं।
अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के मौजूदा अध्यक्ष हैं। 25 साल की उम्र में अनुराग हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने। वह भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी द्वारा अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष नियुक्त किये गए हैं। 20 जनवरी 2019 को संसद रत्न सम्मान से सम्मानित किये गये।
प्रादेशिक सेना यानी टेरिटोरियल आर्मी भारतीय सेना की ही एक ईकाई है। इसमें सामान्य श्रमिक से लेकर सरकारी नौकरी में शामिल 18 से 42 वर्ष तक के नागरिक शामिल हो सकते हैं।
भारतीय संविधान सभा ने सितंबर, 1948 में पारित प्रादेशिक सेना अधिनियम– 1948 के मुताबिक, देश में अक्टूबर, 1949 में टेरिटोरियल आर्मी की स्थापना की। इसकी स्थापना संकटकाल में आंतरिक सुरक्षा का दायित्व लेने और आवश्यकता पड़ने पर नियमित सेना की मदद करने के उद्देश्य से की गई थी।
टेरिटोरियल आर्मी के लिए देश का कोई भी नागरिक अप्लाई कर सकता है। यह भारत के सामान्य नागरिकों को सेना में शामिल होने का मौका देता है। इसके लिए उम्र सीमा 18 से 42 वर्ष है। सामान्य भर्ती प्रक्रिया की तरह इसमें आरक्षित वर्ग को आयुसीमा में छूट नहीं दी जाती है।
टेरिटोरियल आर्मी जॉइन करने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए। इसके लिए थोड़े समय के लिए कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि व्यक्ति सक्षम सैनिक बन सकें। इसमें शामिल होने की शर्त यह भी है कि अपना कमाई का जरिया होना चाहिए। ध्यान रखने वाली बात यह है कि ये एक तरह से वॉलंटियर सर्विस है, कोई पक्की नौकरी नहीं।
भारतीय सेना को जब भी, जहां भी टेरिटोरियल आर्मी (टीए) की जरूरत होती है, टीए अपनी यूनिट उपलब्ध कराती है। जम्मू-कश्मीर और पंजाब में ऑपरेशन रक्षक, नॉर्थ ईस्ट में ऑपरेशन राइनो और ऑपरेशन बजरंग में टेरिटोरियल आर्मी की सक्रिय रूप से हिस्सेदारी थी। टेरिटोरियल आर्मी के जवान और अफसर वीरता पुरस्कार और सर्विस अवॉर्ड से भी सम्मानित किए गए हैं।
सेना द्वारा भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी को भी मानद उपाधि दी जा चुकी है। इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी पैराशूट रेजिमेंट (106 पैरा टीए बटालियन) की प्रादेशिक सेना इकाई में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक दी गई है। वर्ष 2011 में उन्हें यह सम्मान दिया गया था। उनके साथ भारत के लिए पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और दीपक राव को भी मानद उपाधि दी गई थी।
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