दुनियाभर में हर साल आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे का मकसद अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय महिलाओं को सम्मान देना एवं उनके कार्यो से दुनिया को अवगत कराना हैं। वर्ष 2021 की थीम/विषय ‘वुमेन इन लीडरशिप: अचिविंग एन इक्वल फ्यूचर इन ए कोविड-19 वर्ल्ड’ है।
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रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस की मांग को लेकर 1917 में हड़ताल की। हड़ताल फरवरी के आखिरी रविवार को शुरू हुई जो कि एक ऐतिहासिक हड़ताल थी और जब रूस के जार ने सत्ता छोड़ी तब वहां की अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया।
रूस में महिलाओं को जिस समय वोट का अधिकार प्राप्त हुआ, उस समय रूस में जुलियन कैलेंडर चलन में था और बाकी दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर। इन दोनों की तारीखों में कुछ अन्तर है। जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 1917 की फरवरी का आखिरी रविवार 23 फरवरी को था जबकि ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन 8 मार्च थी। इसीलिए 8 मार्च महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने एक आदेश में कहा कि आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर केन्द्र द्वारा संरक्षित स्मारकों में विदेशी और भारतीय सभी महिला आगंतुकों को निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा। एएसआई के तहत केन्द्र द्वारा संरक्षित 3,691 स्मारक आते हैं।
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