दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने ‘दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन’ के गठन को मंजूरी दे दी हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इस साल 20 से 25 सरकारी स्कूलों को इस बोर्ड में शामिल किया जाएगा। उनकी संबंद्धता सीबीएसई स्कूलों से हटाकर इस बोर्ड से की जाएगी। अचानक से सभी स्कूलों को इस बोर्ड में शामिल नहीं किया जाएगा। किस स्कूल को इस बोर्ड में शामिल करना है, इसका फैसला वहां के टीचर, प्रिंसिपल और पेरेंट्स से सलाह-मशविरा करने के बाद लिया जाएगा।
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बोर्ड की एक गवर्निंग बॉडी होगी जिसकी अध्यक्षता शिक्षा मंत्री करेंगे। बोर्ड की एक एग्जीक्यूटिव बॉडी भी होगी जिसे एक सीईओ संभालेगा। दोनों समितियों में उद्योग, शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ, सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल, नौकरशाह होंगे।
पहला उद्देश्य होगा कि हर बच्चा देशभक्त हो। दूसरा उद्देश्य है कि हमारे बच्चे अच्छे इंसान बनें। धर्म व जाति से ऊपर अच्छा इंसान बने। तीसरा मकसद है कि बोर्ड ऐसी शिक्षा प्रणाली तैयार करेगा कि बच्चे को पढ़ाई के बाद नौकरी मिल सके। रोजगार मिल सके।
दिल्ली में एक हजार के करीब सरकारी और 1700 प्राइवेट स्कूल है। इनमें ज्यादातर सीबीएसई से संबंद्ध हैं। इस साल 20 से 25 सरकारी स्कूलों से शुरुआत की जाएगी।
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