उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कर्मचारियों के पेंशन के लिए अर्हकारी सेवा को परिभाषित करने वाला “उत्तर प्रदेश पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा एवं विधिमान्यकरण अध्यादेश-2020” को प्रभावी कर दिया। इस अध्यादेश के उपबंध 1 अप्रैल 1961 से प्रभावी किए गए हैं। अध्यादेश के मुताबिक नियमित किए जाने की तिथि से ही कर्मचारी के पेंशन सेवा की गणना की जाएगी।
शासनादेश में लिखा है कि विभिन्न कारणों से पिछले वर्षों में तदर्थ, कार्य प्रभारित एवं सीजनल आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है। ऐसे कार्मिकों को राज्य सरकार द्वारा विधिवत विनियमित कर दिए जाने की तिथि से उनकी नियमित सेवा प्रारंभ होती है। इस प्रकार अर्हकारी सेवा का आगणन विनियमितिकरण की तिथि से करते हुए सेवानिवृत्ति लाभ अनुमन्य किए जाते हैं।
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