भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के जरिए रविवार को 19 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए। भारतीय रॉकेट PSLV-C51 को रविवार सुबह 10.24 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC) से एक लॉन्च पैड के सहारे रवाना किया गया। इस रॉकेट से 637 किलो के ब्राजीलियाई उपग्रह अमेजोनिया-1 सहित 18 अन्य सैटेलाइट्स भी अंतरिक्ष में भेजे जा रहे हैं। इनमें से 13 अमेरिका से हैं। इसरो ने इस साल के पहले मिशन का आगाज कर दिया है।
इस अंतरिक्ष यान के शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी गई है। यह प्रधानमंत्री की आत्मानिर्भर पहल और अंतरिक्ष निजीकरण के लिए एकजुटता और आभार व्यक्त करने के लिए है। एसकेआई एसडी (सुरक्षित डिजिटल) कार्ड में भगवद गीता भी भेज रहा है। इसरो की वाणिज्य इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटिड (एनएसआईएल) के लिए भी यह खास दिन है। इसरो का मुख्यालय बेंगलुरु में है। पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) सी51/अमेजोनिया-1 एनएसआईएल का पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन है जिसक प्रक्षेपण अमेरिका के सिएटल की उपग्रह राइडशेयर एवं मिशन प्रबंधन प्रदाता स्पेसप्लाइट इंक के वाणिज्य प्रबंधन के तहत किया जा रहा है।
यह उपग्रह अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के क्षेत्र में विविध कृषि के विश्लेषण के लिए उपयोगकर्ताओं को दूरस्थ संवेदी आंकड़े मुहैया कराएगा तथा मौजूदा ढांचे को और मजबूत बनाएगा। प्रक्षेपण का सीधा प्रसारण इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर चैनलों पर देखा जा सकेगा।
18 अन्य सैटेलाइट्स में से चार इन-स्पेस से हैं। इनमें से तीन भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के संघ यूनिटीसैट्स से हैं, जिनमें श्रीपेरंबदुर में स्थित जेप्पिआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नागपुर में स्थित जीएच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और कोयंबटूर में स्थित श्री शक्ति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी शामिल हैं। एक का निर्माण सतीश धवन सैटेलाइट स्पेस किड्ज इंडिया द्वारा किया गया है और 14 एनएसआईएल से हैं।
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