दुनिया की पहली ऐसी मिसाइल जिसे जल, थल और नभ से दागा जा सकता हैं। ब्रह्मोस—2 मिसाइल की रफ्तार और अचूक निशाना इसे सबसे घातक हथियारों में शुमार करता है। यह मिसाइल 9800 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से 1000 किलोमीटर की दूरी पर बैठे दुश्मन को पलक झपकते खत्म कर सकती है। इसे किसी भी युद्धपोत, पनडुब्बी, लड़ाकू विमान या जमीन पर मौजूद मोबाइल लॉन्चर से दागा जा सकता है।
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ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है।
भारत और रूस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के नए वैरियंट को बना रहे हैं। नई मिसाइल दुश्मन देश के अवाक्स सिस्टम (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल) वाले प्लेन को मार गिराने में कारगर होगी। अवाक्स सिस्टम को उसके साइज और वजन के हिसाब से भारी और मध्यम श्रेणी के विमानों के ऊपर लगाया जाता है। इसकी मदद से विमान के अंदर बैठे ऑपरेटर्स एक निश्चित दूरी तक हवाई जहाजों और मिसाइलों की उड़ान पर नजर रखते हैं।
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