भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, भुगतान और निपटान प्रणाली को अधिक बेहतर, तेज और सटीक बनाने के लिए सभी शेष 18,000 शाखाएं, जो केंद्रीकृत समाशोधन प्रणाली ‘चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) के तहत नहीं हैं, उन्हें सितंबर तक सीटीएस के दायरे में लाया जाएगा। सीटीएस के तहत भुगतान और जमाओं के लिए कागज रहित अभौतिक सत्यापन किया जाता है। सीटीएस का इस्तेमाल 2010 से किया जा रहा है और इसके दायरे में लगभग 1,50,000 बैंक शाखाएं हैं।
वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र को सरल और ग्राहकों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के लिए तीनों लोकपाल योजनाओं को मिलाकर ‘एक राष्ट्र एक लोकपाल के नजरिए को अपनाने का निर्णय लिया गया है। एकीकृत लोकपाल योजना जून में शुरू की जाएगी।
इन तीन लोकपाल योजनाओं- बैंकिंग लोकपाल योजना, एनबीएफसी के लिए लोकपाल योजना और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना, को एकीकृत करेगा।
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