भारत का कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम मानवीय सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्हें संक्रमण का सबसे अधिक खतरा है। दुनिया के सबसे बड़े इस कार्यक्रम का आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुभारंभ करते हुए कहा कि कोरोना टीका पहले उन लोगों को दिया जाएगा जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
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टीकाकरण अभियान के पहले चरण में तीन करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। दूसरे चरण में भी 30 करोड़ लोगों को टीके लगाए जाएंगे। दुनिया में केवल तीन देश ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या तीस करोड़ से अधिक है। ये देश हैं . भारत, चीन और अमरीका है। भारत में बने टीके विदेशी टीकों से सस्ते हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता में कोई कमी नहीं हैं। विदेशों में निर्मित कुछ टीकों की एक खुराक की कीमत पांच हजार रूपये तक हैं जबकि भारत में इनकी कीमत काफी कम है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार, टीके की दो खुराक लेना जरूरी है और इन दोनों के बीच लगभग एक महीने का अंतर होना चाहिए। टीके की दूसरी खुराक के केवल दो सप्ताह बाद प्रतिरक्षक क्षमता विकसित हो जाएगी। दवाई भी, कड़ाई भी का मंत्र देते हुए लोगों से आग्रह किया कि वे पहली खुराक लेने के बाद मास्क का इस्तेमाल करते रहे और सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
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