प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक राष्ट्र एक गैस ग्रिड कार्यक्रम के ज़रिये देश को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। केरल में कोच्चि से कर्नाटक में मंगलुरु तक चार सौ पचास किलोमीटर लंबी पाकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया है।
यह प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना मोदी सरकार के महत्कांक्षी ‘वन नेशन, वन गैस ग्रिड’ स्कीम का ही हिस्सा है। इस पाइपलाइन की क्षमता 12 मिलियन मीट्रिक मानक क्यूबिक मीटर गैस का प्रतिदिन परिवहन करने की है।
इस परियोजना का निर्माण गेल इंडिया लिमिटेड ने कराया है। पिछले साल आम चुनाव के बाद बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘वन नेशन, वन गैस ग्रिड’ योजना की घोषणा की थी। इस योजना के पीछे सरकार का उद्देश्य पूरे देश में गैस पर एक समान टैरिफ लागू करना है। सरकार ने हर घर तक एलपीजी पहुंचाने के लिए साल 2022 तक का लक्ष्य रखा है।
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पीएम मोदी के अनुसार, 2014 तक केवल 24 करोड़ एलपीजी कनेक्शन थे जबकि इसके बाद के छ: वर्ष में 24 करोड़ नए कनेक्शन दिए गए हैं। उज्ज्वला योजना के तहत आठ करोड़ करीबों को ये कनेक्शन दिए गए हैं। महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान केन्द्र सरकार ने 12 करोड़ सिलेंडर निशुल्क उपलब्ध कराए। 1987 में पहली प्राकृतिक गैस पाइपलाइन शुरू किए जाने के बाद 27 वर्ष में केवल 15 हजार किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई गई। 2014 के बाद केवल छ: वर्ष में 16 हजार किलोमीटर से अधिक नई पाइपलाइन बिछाने का काम किया गया है।
सीएनजी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार, 27 वर्षों में केवल नौ सौ केन्द्र ही उपलब्ध कराए गए, जबकि 2014 के बाद छ: वर्ष में एक हजार पांच सौ नए सीएनजी केन्द्रों का निर्माण किया गया। अगले कुछ वर्षों में दस हजार केन्द्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। सीएनजी का पुरा नाम क्रम्प्रेस्ड नेचुरल गैस होता है।
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पीएम मोदी के अनुसार, 2014 तक पाइप के जरिए प्राकृतिक गैस पहुंचाने के केवल 25 लाख कनेक्शन थे, लेकिन इसके बाद छ: वर्षों में 72 लाख कनेक्शन दिए गए। कोच्चि और मंगलुरु के बीच पाइपलाइन से 21 लाख नए पाइपलाइन कनेक्शन उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी।
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