भारतीय कंपनी भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सिन की दुनिया में डिमांड तेजी से बढ़ रहीं है। ब्राजीलियन एसोसिएशन ऑफ वैक्सीन क्लीनिक्स ने भारत बायोटेक के साथ समझौता किया है। इसके तहत ब्राजील को कोवैक्सिन के 50 लाख डोज मिलेंगे। हालांकि, अभी ब्राजीलियन हेल्थ रेग्युलेटर अन्विसा की अनुमति का इंतजार है।
3 जनवरी को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड और कोवैक्सिन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं। इससे पहले ही इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई। भारत बायोटेक ने अभी यह भी नहीं बताया है कि यह कितनी असरदार है। लेकिन, इतना जरूर बताया है कि यह इस्तेमाल के लिए 100% सुरक्षित है।
लोगों को कोरोना वायरस का टीका टीकाकरण कार्यक्रम के तहत लगाया जाएगा। DCGI ने कहा है। कि दोनों टीके से सामान्य या मामूली साइड इफेक्ट हैं। जैसे- हल्का बुखार, एलर्जी आदि हैं। लेकिन दोनों ही टीके 100% सुरक्षित हैं। टीके से नपुंसक होने जैसी बातें निराधार हैं। राज्यों को दोनों में से कोई एक ही वैक्सिन मिलेगी। मंजूर किए गए दोनों टीको की दो-दो डोज लगेंगी, जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को टीका देने का लक्ष्य रखा गया है।
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ICMR के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव के अनुसार, ‘यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है। वायरस में अब तक जितने बदलाव हुए हैं यह सब पर काम करेगा। पहले और दूसरे फेज में 800 लोगों को टीका दिया गया, उनमें से किसी को भी कोरोना नहीं हुआ। तीसरे फेज में जिन 22 हजार लोगों को टीका दिया गया, उनमें अब तक साइड इफेक्ट नहीं दिखा है। आखिरी नतीजे आने बाकी हैं।’
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला के अनुसार, ‘अभी हम टीका सिर्फ सरकार को देंगे। जब हमारे पास स्थायी लाइसेंस होगा, तब हम निर्यात भी कर सकते हैं, इसमें कोई परेशानी नहीं।’ ट्रायल में कोवीशील्ड का वॉलेंटियर्स को पहले हाफ फिर फुल डोज दिया गया। हाफ डोज 90% असरदार रहा। एक माह बाद फुल डोज दिया गया। जब दोनों फुल डोज दिए गए तो असर 62% रह गया। दोनों ही तरह के डोज में औसत प्रभावशीलता 70% रहेगी।
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अभी सिर्फ वयस्कों का टीकाकरण होगा, बाद में 18 साल से कम उम्र वालों पर भी रिसर्च की जाएगी स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कोवीशील्ड के करीब 7.5 करोड़ और कोवैक्सिन के करीब 1 करोड़ डोज तैयार हैं। ICMR के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव ने कहा कि अभी दुनिया में वयस्कों को ही टीका लग रहा है। बाद में 18 साल से कम उम्र वालों पर रिसर्च होगी, नतीजे आने पर इस आयु वर्ग के लोगों को टीका देने पर फैसला होगा।
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