भारतीय रिवर्ज बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास के अनुसार, मौद्रिक नीति समिति ने बैंकों की नीतिगत दरों को 4 प्रतिशत के स्तर पर बरकरार रखने का सर्वसम्मति से फैसला किया है। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी को 4.25 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 प्रतिशत के स्तर पर बरकरार रखा गया है।
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को कम समय के लिए कर्ज मुहैया करवाता है। रिवर्स रेट पर वह ब्याज दर है जिस पर RBI बैंकों से जमा लेता है। आरबीआई का रेपो रेट इस समय 4 फीसदी है जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है।
मौद्रिक नीति समिति का विचार था कि मुद्रास्फीति की दर के फिलहाल उच्च स्तर पर बने रहने की संभावना है, हालांकि खरीफ की भरपूर फसल की संभावना को देखते हुए, जल्द खराब होने वाली वस्तुओं की कीमतों में सर्दी के मौसम के दौरान कमी आ सकती है।
2020-21 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद विकास-दर ऋणात्मक स्तर पर 7.50 प्रतिशत रहने की संभावना है। ग्रामीण मांग में सुधार से अर्थव्यवस्था और सुदृढ़ होगी जबकि शहरी मांग ने पहले ही जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। विनिर्माण कंपनियों के कारोबारी माहौल में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। निजी निवेश अब भी कम है और क्षमता के उपयोग में गिरावट से पूरी तरह उबरना अभी बाकी है।
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