विदेश मंत्री डॉ. एस.जयशंकर ने अफगानिस्तान सम्मेलन 2020 में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की। इस दौरान उन्होंने अफगानिस्तान के साथ शतूत बांध निर्माण की घोषणा की। इसके लिए भारत अफगानिस्तान में 80 मिलियन डॉलर निवेश करेगा।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने जेनेवा में 23 से 24 नवंबर तक आयोजित हो रहे दो दिवसीय, अफगानिस्तान सम्मेलन 2020 में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई वीटीसी के जरिए की। सम्मेलन की सह-मेजबानी संयुक्त राष्ट्र, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ अफ़गानिस्तान और फ़िनलैंड के द्वारा की गई। इस सम्मेलन का उद्देश्य 2015 से 2024 के दूसरे भाग के दौरान दुनिया भर में हो रहे बदलावों के बीच अफ़गानिस्तान के प्रति अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिबद्धता को दर्शाना है। अफगानिस्तान सम्मेलन 2020 में भारतीय विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान के साथ शतूत बांध के निर्माण के लिए एक समझौते की घोषणा की। यह बांध काबुल शहर के 20 लाख निवासियों को सुरक्षित पेयजल प्रदान करेगा।
भारत ने काबुल नदी बेसिन पर डैम बनाने में अफगानिस्तान सरकार की मदद करने का निर्णय लिया है।
शहतूत डैम बनाने पर करीब 30 करोड़ डॉलर का खर्च आएगा। अफगानिस्तान की राजधानी के आस-पास खैराबाद और चहर असियाब में 4,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करने के अलावा, यह काबुल के 20 लाख से अधिक लोगों को पेयजल प्रदान करने में मदद करेगा।
इससे पहले भारत ने अफगानिस्तान के काबुल शहर को बिजली प्रदान करने वाली 202 किलोमीटर की फुल-ए-खुमरी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया था। विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में हाई इम्पैक्ट सामुदायिक विकास परियोजनाओं के चौथे चरण को शुरू करने की घोषणा की। इस परियोजना के तहत भारत अफगानिस्तान में 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से 100 परियोजनाओं का आरंभ करेगा।
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