पुलिस झंडा दिवस 23 नवंबर 2020 के अवसर पर पुलिस मुख्यालय लखनऊ में कार्यक्रम आयोजित किया गया। उत्तर प्रदेश के डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी द्वारा कुछ देर पहले राज्यपाल आनंदी बेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्मान स्वरूप स्टीकर लगाया गया। पुलिस झंडा दिवस का यह ध्वज चरित्र को दर्शाता है। यह उस गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है, जिसमें पुलिसकर्मियों ने देश सेवा, लोक सेवा में अपने कौशल, शौर्य और कर्तव्यपरायणता से अप्रतिम योगदान दिया है। इसमें सर्वोच्च आत्म बलिदान भी सम्मिलित है। 23 नवंबर 1952 को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उत्तर प्रदेश पुलिस और पीएसी को यह ध्वज प्रदान किया था।
ध्येय वाक्य – सुरक्षा आपकी संकल्प हमारा है।
लगभग 243286 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले उत्तर प्रदेश और लगभग 20 करोड़ (2011 की जनगणना के मुताबिक) से ज्यादा जनसंख्या के साथ, उत्तर प्रदेश को न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया के लिए सबसे बड़ा एकल पुलिस बल होने का गौरव प्राप्त है। उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक 75 जिलों में 33 सशस्त्र बटालियनों खुफिया, जांच, भ्रष्टाचार निरोधी, तकनीकी, प्रशिक्षण, अपराध विज्ञान इत्यादि से संबन्धित विशेषज्ञ प्रकोष्ठ / शाखाओं में फैले करीब 2.5 लाख कर्मियों के बल की कमान संभालते हैं।
यूपी पुलिस के इतिहास में 23 नवम्बर का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन को ‘पुलिस झंडा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 23 नवम्बर 1952 के बाद प्रति वर्ष सैनिक कल्याण के लिए झंडे के स्टीकर जारी किए जाते हैं। पुलिस झंडा दिवस यानि प्रति वर्ष 23 नवंबर को पुलिस मुख्यालयों व कार्यालयों, पीएसी वाहिनियों, क्वार्टर गार्द, थानों, भवनों व कैम्पों पर पुलिस ध्वज फहराए जाते हैं। पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पुलिस ध्वज का प्रतीक (स्टीकर) वर्दी की बांई जेब के ऊपर लगाया जाता है। यह सिलसिला 23 नवंबर 1952 से लगातार जारी है। पुलिस झंडा दिवस के मौके पर पुलिस कर्मियों को झंडा दिवस व उसके महत्व के बारे में बताया जाता है। झंडे का सम्मान करना सभी कर्मियों की ज़िम्मेदारी एवं जवाबदेही होती है।
देश की वर्तमान पुलिस प्रणाली 1861 के पुलिस एक्ट के परिणामस्वरूप बनी थी। ये एक्ट 1860 में श्री एच.एम. कोर्ट की अगुवाई में गठित पुलिस आयोग की अनुशंसाओं के बाद अधिनियमित हुआ था। यही श्री कोर्ट उत्तर पश्चिम प्रांत और अवध, जो वर्तमान के उत्तर प्रदेश का क्षेत्र है, के पहले पुलिस महानिरीक्षक बने। पुलिस महकमे का ढांचा निम्नलिखित आठ संगठनों के रूप में खड़ा किया गया था
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