खेल मंत्रालय ने अनूठी पहल करते हुए देश की निजी क्षेत्र की 500 अकादमियों को आर्थिक सहायता देने की शुरुआत की है। यह सहायता वित्त वर्ष 2020-21 से अगले 4 वर्ष तक खेलो इंडिया योजना के तहत दी जाएगी।
इसके तहत निजी क्षेत्र की अकादमियों में प्रशिक्षित खिलाड़ियों की उपलब्धि, अकादमी में उपलब्ध कोचिंग के स्तर, खेल के मैदान और संबंधित बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, खेल विज्ञान सुविधाओं और कर्मचारियों की उपलब्धता के आधार पर अकादमियों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाएगा। पहले चरण में सहायता के लिए 2028 के ओलिम्पिक में उत्कृष्टता के लिए चौदह स्पर्धाओं की पहचान की गई है।
खेल मंत्री किरेन रिजिजू के अनुसार, इन संस्थानों को सरकारी सहायता देना महत्वपूर्ण हैं, ताकि देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन दिया जा सके। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न भागों में अनेक छोटी-छोटी खेल अकादमी है, जो खिलाड़ियों की पहचान और प्रशिक्षण के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले से खासतौर से निजी क्षेत्र की अकादमियों को बुनियादी ढांचे के स्तर, संसाधन और खेल विज्ञान सहायता में सुधार को प्रोत्साहन मिलेगा और खिलाड़ियों को बेहतरीन प्रशिक्षण मिल सकेगा।
इस योजना के तहत भारतीय खेल प्राधिकरण और राष्ट्रीय खेल संघ मिलकर काम करेंगे। भारतीय खेल प्राधिकरण अकादमियों की श्रेणी बनाने और योजना लागू करने के लिए राष्ट्रीय खेल संघों के साथ भी विचार-विमर्श करेगा।
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