भारत सरकार ने ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध होने वाली फिल्मों, ऑडियो-वीडियो और समाचार एवं समसामयिक विषयों से संबंधित सामग्रियों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में लाने का फैसला किया है। कैबिनेट सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार नेटफ्लिक्स जैसे ओवर दि टॉप (ओटीटी) ऑनलाइन सामग्री प्रदाताओं को भी मंत्रालय के दायरे में लाया गया है।
इस अधिसूचना के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 77 के खंड 3 में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए भारत सरकार ने (कार्य आवंटन) नियमावली, 1961 को संशोधित करते हुए यह फैसला लिया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के साथ ही इसे तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। इसके साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय अब ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध सामग्रियों की नीतियों के नियमन का अधिकार मिल गया है। इसे भारत सरकार के 357वें संशोधन नियमावली, 2020 का दर्जा मिला है।
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सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत ऑनलाइन सामग्री पर रोक लगाने संबंधी आवश्यक निर्देश देने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र (एनसीसीसी) के निदेशक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। आईटी अधिनियम के मुताबिक, प्राधिकृत अधिकारी एक समिति की सिफारिश के आधार पर वेबसाइट को ब्लॉक करने का आदेश दे सकता है। एनसीसीसी के निदेशक वेबसाइट ब्लॉक करने को लेकर धारा 69 के प्रावधानों का उपयोग करेंगे और जरूरी आदेश जारी करेंगे। अधिसूचना के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 A के उपखंड (1) के अंतर्गत दी गई शक्तियों के साथ सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2009 के नियम 3 के तहत, सरकार ने एनसीसीसी के निदेशक को प्राधिकृत अधिकारी के रूप में नामित किया है।
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