वित्तमंत्री निर्मला सीतारामण के अनुसार, देश की अर्थव्यव्यस्था मजबूत हो रही है क्योंकि अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख मानदंड सकारात्मक हैं। भारत ने कोविड-19 महामारी से प्रभावी तरीके से निपटा है और इससे मरने वालों की दर में लगातार गिरावट आ रही है। पीएमआई सूचकांक, ऊर्जा के उपभोग, जीएसटी वसूली, बैंक ऋण और विदेशी पोर्टपोलियों निवेश दर्शाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था बेहतर हो रही है। बाजार पूंजीकरण और विदेशी मुद्रा भंडार भी अधिक है जो एक साकारात्मक संकेत है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान की प्रगति का उल्लेख करते हुए वित्तमंत्री ने बताया कि 28 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को इस वर्ष पहली सितम्बर से पूरे देश में वैध एक राशन कार्ड की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। इससे लगभग 69 करोड़ लोगों लाभ हुआ है। यह सुविधा प्राप्त होने से वे किसी भी सार्वजनिक वितरण की दुकानों से खाद्यान्न खरीद सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से किसानों के लिए एक लाख 43 हजार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि मंजूर की गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नाबार्ड के माध्यम से किसानों के लिए 25 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त कार्य पूंजी उपलब्ध कराई गई।
बिजली वितरण क्षेत्र के लिए, 17 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को ऋण के रूप में एक लाख 18 हजार करोड रूपये से अधिक की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। सड़क परिवहन मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय को अतिरिक्त पूंजी खर्च के लिए 25 हजार करोड रूपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई गई है। वित्तमंत्री ने बताया कि 11 राज्यों को पूंजी व्यय के लिए ब्याजमुक्त ऋण के रूप में तीन हजार छह सौ 21 करोड रूपये की राशि उपलब्ध कराई गई है।
कोविड से उबरने के दौरान रोजगार के नए अवसर बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते एक नई योजना आत्मनिर्भर भारत शुरू की जा रही है। वित्तमंत्री सीतारामन ने बताया कि इस योजना के तहत केन्द्र सरकार इस वर्ष पहली अक्टूबर के बाद नए पात्र कर्मचारियों के लिए दो वर्ष तक सब्सिडी देगी। इसे इन कर्मचारियों के आधार से जुड़े ईपीएफओ खाते में जमा किया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र के लिए मौजूदा आपात ऋण गारंटी योजना की अवधि अगले वर्ष 31 मार्च तक बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अब तक दो लाख करोड़ रुपए की राशि 61 लाख कर्जदारों के लिए स्वीकृत जा चुकी है।
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं को लेकर सरकार ने अर्थव्यवस्था और रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तीन क्षेत्रों के लिए, 51 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत की इस योजना को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने यह योजना 10 प्रमुख क्षेत्रों में शुरू करने की मंजूरी दी है। इस योजना से भारतीय विनिर्माता वैश्विक प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे और आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ प्रमुख क्षेत्रों में निवेश आकर्षित कर सकेंगे।
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