असम में शिक्षा विभाग की ओर से आज से लगभग 70 लाख विद्यार्थियों के लिए आधार पंजीकरण अभियान शुरू हुआ। इस अभियान में 66 हजार एक सौ 33 स्कूलों के छात्रों का आधार पंजीकरण कराया जाना है। इस अभियान में सरकारी और निजी स्कूलों के छह से 18 वर्ष की आयु के सभी विद्यार्थियों को शामिल किया जा रहा है।
सभी उपायुक्त तथा छठी अनुसूची वाले जिलो के प्रमुख सचिव अपने-अपने जिलों में इस निःशुल्क आधार पंजीकरण अभियान की शुरुआत करे रहे हैं। इस अभियान के अगले वर्ष मार्च तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है।
आधार संख्या प्राधिकरण द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने के उपरांत यूआईडीएआई द्वारा भारत के सभी निवासियों को जारी की जाने वाली 12 अंकों की एक रैंडम संख्या है। किसी भी आयु का कोई भी व्यक्ति जो भारत का निवासी है, बिना किसी लिंग, क्षेत्र, भाषा भेद के आधार बनवाने के लिए नामांकन करवा सकता है।आधार प्रक्रिया नि:शुल्क है।
28 जनवरी, 2009 को योजना आयोग ने विशिष्ट संख्या वाले पहचान पत्र को बनाने के लिए यूआईडीएआई के गठन का नोटिफिकेशन जारी किया। इंफोसिस के संस्थापक नंदन नीलेकणी को इसका चेयरमैन बनाया गया। सितंबर, 2010 में सरकार ने प्रायोगिक तौर पर महाराष्ट्र के कुछ ग्रामीण इलाकों में आधार योजना को लॉन्च किया। दिसंबर में सरकार ने नेशनल आइडेंटिफिकेशन आथॉरिटी ऑफ इंडिया बिल 2010 संसद में पेश किया।
जनसांख्यिकीय सूचना नाम, जन्मतिथि (सत्यापित) अथवा आयु (घोषित), लिंग, पता, मोबाइल नंबर (ऐच्छिक) और ईमेल आईडी (ऐच्छिक) बॉयोमीट्रिक सूचना दस उंगलियों के निशान, दो आइरिस स्कैन और चेहरे की तस्वीर देनी होती है।
इसे जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक डी-डुप्लीकेशन की प्रक्रिया से हासिल किया गया है। डी-डुप्लीकेशन प्रक्रिया में यह जांचने के लिए कि क्या व्यक्ति पहले से ही डेटा बेस में है अथवा नहीं; नामांकन प्रक्रिया के दौरान एकत्र की गई निवासी की जनसांख्यिकीय/बॉयोमीट्रिक जानकारी को यूआईडीएआई के डेटाबेस के रिकार्ड के साथ तुलना की जाती है। निवासी के आधार हेतु केवल एक बार ही नामांकन की आवश्यकता है और डी-डुप्लीकेशन के बाद केवल एक आधार ही सृजन किया जाता है। यदि निवासी एक से अधिक बार नामांकन करवाता है तो उत्तरवर्ती नामांकन रद्द कर दिए जाएंगे।
भारत सरकार बडी संख्या में समाजिक कल्याणकारी योजनाओं का वित्त पोषण करती है जो कि समाज के गरीब और सबसे कमजोर वर्गों की ओर केंद्रित होती हैं। आधार और इनके मंच सरकार के लिए उसके कल्याण तंत्र को कारगर बनाने के लिए और इस प्रकार पारदर्शिता और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करते हैं।
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