1 जनवरी 2021 तक पुराने वाहनों में भी फास्टैग का लगा होना जरूरी है। टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी लाइन की समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने तीन साल पहले 2017 में ही सभी नए चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग जरूरी कर दिया था। उसके बाद परिवहन मंत्रालय की तरफ से इसे प्रमोट करने के लिए कई कदम उठाए गए। 2017 से मैन्युफैक्चरर और डीलर की तरफ से ही फास्टैग लगाकर गाड़ी की डिलिवरी दी जाती है।
इसे ट्रांसपोर्ट वीकल पर सख्ती से लागू किया गया। ट्रांसपोर्ट वीकल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू कराने के लिए गाड़ी में फास्टैग का लगा होना जरूरी कर दिया गया। 1 अक्टूबर 2019 को नया नियम लागू किया गया जिसके तहत नैशनल परमिट के लिए फास्टैग का लगा होना जरूरी है।
अब फास्टैग को पुराने वाहनों के लिए भी जरूरी कर दिया गया है। M और N कैटिगरी के पुराने वाहनों के लिए 1 जनवरी 2021 तक फास्टैग का होना जरूरी कर दिया गया है। अगर कोई गाड़ी 1 दिसंबर 2017 से पहले भी बिकी है तो उसके लिए फास्टैग अब जरूरी कर दिया गया है और यह 1 जनवरी 2021 तक पूरा हो जाना चाहिए।
इसमें तेजी लाने के लिए नए नियम के तहत थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेने के लिए अब फास्टैग का डिटेल्स भरना जरूरी कर दिया गया है। यह नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू हो सकता है। सरकार का मकसद टोल प्लाजा को पूरी तरह डिजिटल बनाना है। डिजिटल टोल होने के कारण राजस्व में वृद्धि होगी। साथ ही बहुत बड़ी मात्रा में फ्यूल की बचत होगी।
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