केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर 210 मेगावाट क्षमता की लुहरी पनबिजली परियोजना के पहले चरण के लिए 1 हजार 8 सौ 10 करोड रुपये की राशि की स्वीकृति दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू जिलों में स्थापित की जाने वाली यह परियोजना लगभग 5 साल में बन कर तैयार हो जाएगी।
इस परियोजना से प्रतिवर्ष कार्बन-डाइआक्साइड उत्सर्जन में 6.1 लाख टन की होगी। यह परियोजना सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा निर्माण-स्वामित्व-संचालन और रखरखाव आधार पर कार्यान्वित की जायेगी और इसमें केन्द्र तथा राज्य सरकार का सक्रिय सहयोग मिलेगा। हिमाचल प्रदेश को परियोजना के 40 साल के कार्यकाल के दौरान 1 हजार 1 सौ 40 करोड़ रूपये मूल्य की बिजली मुफ्त प्राप्त होगी। परियोजना से प्रभावित परिवारों को भी 10 साल तक 1 सौ यूनिट बिजली हर महीने मुफ्त दी जायेगी।
इस परियोजना के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ नवंबर 2019 में आयोजित ‘राइजिंग हिमाचल, वैश्विक निवेशक बैठक’ के दौरान किया गया था। इस परियोजना में ढांचागत सुविधा के लिये है केंद्र सरकार 66.19 करोड़ रुपये का अनुदान दे रही है। इससे इसकी बिजली की दर कम रखने में मदद मिली है। कंपनी ने 2023 तक कुल 5,000 मेगावाट, 2030 तक 12,000 मेगावाट और 2040 तक 25,000 मेगावाट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है।
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