भारत और अमरीका के बीच तीसरी टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता आज नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय शिष्टमण्डल का नेतृत्व किया। जबकि अमरीकी शिष्टमंडल का नेतृत्व अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने किया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि बुनियादी आदान-प्रदान और सहयोग समझौते- बेसिक एक्सचेंज एंड कॉपरेशन एग्रीमेंट बी. ई. सी. ए. पर हस्ताक्षर होना आज की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि दोनों देश मिलकर काम करें तो क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से बेहतर ढंग से निपट सकते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो या समुद्री क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाना, आतंकवाद से निपटना हो अथवा समृद्धि सुनिश्चित करना, दोनों देश बड़ा योगदान कर सकते हैं।
इससे पहले दोनों देशों ने जनरल सिक्योरिटी ऑफ मिलिट्री इनफॉर्मेशन एग्रीमेंट (जीएसओएमआईए) पर 2002 में दस्तखत किए थे। रक्षा समझौता और प्रौद्योगिकी साझा करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत अमेरिका ने 2016 में भारत को ‘प्रमुख रक्षा सहयोगी’ का दर्जा दिया था। दोनों देशों ने 2016 में ‘लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट’ किया था। भारत और अमेरिका ने 2018 में एक और महत्वपूर्ण करार किया था जिसे ‘कोमकासा’ कहा जाता है। बैठक के बाद दोनों ने साझा बयान जारी किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि भारत और अमेरिका की दोस्ती लगातार मजबूत हुई है। इसमें कोरोना वायरस संकट के बाद की स्थिति, दुनिया की मौजूदा स्थिति, सुरक्षा के मसलों पर तथा कई अन्य अहम मुद्दों पर विस्तार से बात की गई। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘अमेरिका के साथ सैन्य स्तर का हमारा सहयोग बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा है, रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास के लिए परियोजनाओं की पहचान की गई है। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए फिर से अपनी प्रतिबद्धता जताते हैं। दोनों देशों ने परमाणु सहयोग बढ़ाने को लेकर कदम बढ़ाए हैं। अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार दक्षिण चीन सागर में किसी भी राष्ट्र के अधिकारों और हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका ने महत्वपूर्ण रक्षा समझौते, बीईसीए पर दस्तखत किए। उन्होंने कहा कि आज की बातचीत दोनों देशों के दुनिया में असर को बताती है। दोनों देशों के बीच आर्थिक, रक्षा, सूचना साझा करने से लेकर कई स्तरों पर बात की गई।
अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा कि मौजूदा स्थितियों में भारत और अमेरिका की दोस्ती न केवल एशिया में बल्कि दुनिया के लिए भी काफी अहम है। उन्होंने कहा कि चीन की तरफ से दुनिया के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बड़े देशों को साथ आना होगा। भारत, जापान और अमेरिका साथ में कई सैन्य युद्धाभ्यास करेंगे। मालाबार एक्सरसाइज भी की जाएगी।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि आज दुनिया में काफी बड़ी चीजें हो रही हैं। दोनों देश नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। पोम्पियो ने कहा कि आज सुबह मैंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसमें गलवान घाटी में शहीद होने वाले 20 जवान भी शामिल थे। भारत और अमेरिका रक्षा, साइबर स्पेस, अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में साथ हैं और मजबूती के साथ खड़े रहेंगे। हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सीट का समर्थन करते हैं।
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