स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत के 14 राज्यों में परजीवी आंत्र कृमि संक्रमण को कम करने में सफलता मिली है। इस तरह के संक्रमण को मिट्टी के ज़रिए कृमियों से फैलने वाली बीमारी भी कहा जाता है। मंत्रालय के अनुसार 9 राज्यों में सर्वेक्षण से कृमि संक्रमण में महत्वपूर्ण कमी का पता चला।
छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मिट्टी के जरीए पेट में कीड़ों की समस्या प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है जो ज्यादातर कम संसाधन वाले परिवारों में होती है। इस तरह के संक्रमण के कारण बच्चों की शारीरिक वृद्धि पर बुरा असर पड़ता है और उन्हें खून की कमी तथा कुपोषण की समस्या का सामना करना पड़ता है।
‘राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस’ की शुरूआत 2015 में हुई थी। यह स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है। स्कूलों और आंगनवाड़ी के ज़रिए एक दिन का यह कार्यक्रम वर्ष में दो बार लागू किया जाता है। दवा देने के व्यापक वैश्विक कार्यक्रमों के अंग के रूप में इसके तहत बच्चों और किशोरों को आंत्र के कीड़ों से बचाव के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से स्वीकृत अलबैंडाज़ोल की गोली दी जाती हैं। देश में इस वर्ष के शुरू में इस कार्यक्रम के पहले चरण में 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 11 करोड़ बच्चों और किशोरों को अलबैंडाज़ोल की गोलियां दी गईं।
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