भारतीय फुटबाल क्लब मोहन बागान सात महीने पहले आई लीग चैम्पियन बना था, लेकिन उसके खिलाड़ियों को आखिरकार रविवार को कोलकाता में आयोजित समारोह में ट्रॉफी प्रदान की गई। मोहन बागान ने 10 मार्च को पूर्व चैम्पियन आईजोल एफसी को 1-0 से हराकर खिताब जीता था, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते उसे खिताबी जीत के जश्न का इंतजार करना पड़ा क्योंकि इसके बाद ही सत्र को रोक दिया गया था।
131 साल पुराने मोहन बगान और महज 6 वर्ष पुराने एटीके ने एटीके मोहन बगान एफसी के रूप में विलय कर लिया है। भारतीय फुटबाल जगत के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है।
आई-लीग को पहले राष्ट्रीय फुटबॉल लीग कहा जाता था, भारत में इसे भारतीय सुपर लीग के साथ मिलाकर संयुक्त प्रीमियर फुटबॉल लीग है। प्रायोजन कारणों से, लीग को आधिकारिक रूप में हीरो आई-लीग के रूप में जाना जाता है। वर्तमान में यह देश भर में 11 क्लबों द्वारा स्पर्धित जाता है। आई—लीग को भारत की पहली व्यावसायी फुटबॉल लीग के रूप में लॉन्च किया गया था और इसका उद्देश्य भारत की राष्ट्रीय टीम के लिए खिलाड़ियों की खोज करना है। आई-लीग में चैंपियन बनने वाले क्लबों को एएफसी कप, एशिया की माध्यमिक अंतर्राष्ट्रीय क्लब प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिलता है।
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