ध्वनि की गति से भी अधिक रफ्तार से उडान भरने वाली सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का आज भारतीय नौ सेना के विध्वंसक पोत आईएनएस चेन्नई से सफल परीक्षण किया गया। परीक्षण के दौरान ब्रह्मोस ने अरब सागर स्थित ठिकाने पर अचूक निशाना लगाया।
ब्रह्मोस मिसाइल से भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमता में कई तरह से बढोतरी होगी। यह भारत का प्रमुख प्रहार प्रक्षेपास्त्र है जो समुद्र की सतह पर सुदूर ठिकानों को निशाना बना सकता है। इससे भारतीय नौ सेना के विध्वंसक पोतों को एक और घातक अस्त्र मिल गया है। विभिन्न प्रकार से काम में लायी जा सकने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का डिजायन तैयान करने, विकास और निर्माण का कार्य भारत और रूस ने मिलकर किया है।
ब्रह्मोस प्राइम स्ट्राइक हथियार के रूप में नेवल सर्फेस लक्ष्यों को दिन या रात और किसी भी मौसम में समुद्र या सतह पर किसी भी लक्ष्य को 400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक निशाना बनाकर टारगेट को ध्वस्त करने की क्षमता रखता है। इस तरह यह डिस्ट्रॉयर को भारतीय नौसेना का एक और घातक मंच बना देगा।
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