प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज खाद्य और कृषि संगठन- एफएओ के 75वें स्थापना दिवस के अवसर पर 75 रुपये मूल्य का एक स्मारक सिक्का जारी किया। साथ ही उन्होंने हाल ही में विकसित की गई 8 फसलों की 17 जैव संवर्धित किस्मों को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर लोगों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य क्रान्ति की दिशा में सरकार के प्रयासों में देश का किसान महत्वपूर्ण स्तम्भ है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की विभीषिका से देश को बचाने में किसानों ने बहुमूल्य भूमिका निभाई है।
यह स्मारक सिक्का कुपोषण को कम करने में विश्व खाद्य संगठन की आधारभूत भूमिका के प्रति भारत की 130 करोड़ जनता की ओर से सम्मान का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 तक किसानों को केवल एक ही किस्म के बीज उपलब्ध थे। हालांकि पिछले छह वर्षों में सरकार ने 45 किस्म के नये बीज उपलब्ध कराये।
प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, 2014 तक देश के केवल 11 राज्यों में खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया गया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए यह कानून लागू कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक सुधार किये हैं।
एफएओ का लक्ष्य लोगों को पर्याप्त मात्रा में अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन नियमित रूप से सुनिश्चित करना है ताकि वे सक्रिय और स्वस्थ रहें। एफएओ का कार्य पोषण का स्तर उठाना, ग्रामीण जनसंख्या का जीवन बेहतर करना और विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि में योगदान करना है।
एफएओ के साथ भारत का ऐतिहासिक संबंध रहा है। भारत के प्रशासनिक सेवा अधिकारी बिनय रंजन सेन ने एफओए के महानिदेशक के रूप में 1956 से 1967 तक काम किया था। उनके कार्यकाल के दौरान ही विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की स्थापना की गई थी। डब्ल्यूएफपी ने ही वर्ष 2020 का नोबेल शांति पुरस्कार जीता है।
खाद्य और कृषि संगठन संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी विशेषज्ञता प्राप्त संस्थाओं में से एक है इसकी स्थापना वर्ष 1945 में कृषि उत्पादकता और ग्रामीण आबादी के बेहतर जीवन निर्वाह की स्थिति में सुधार करते हुए पोषण तथा जीवन स्तर को उन्नत बनाने के उद्देश्य के लिए की गई थी।
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