सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख में ज़ोजिला सुरंग के निर्माण कार्य की आज शुरुआत की। इसकी शुरूआत जम्मू-कश्मीर के पश्चिमी पोर्टल नीलागढ़ में और लद्दाख के ईस्ट पोर्टल स्पैंगला मीनमर्ग में विस्फोट करके की गई। इस सुरंग से सभी मौसम में राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर स्थित श्रीनगर और लेह के बीच सम्पर्क बना रहेगा और इससे जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए सभी क्षेत्रों में आर्थिक तथा सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
3 हज़ार किलोमीर ऊंचाई पर ज़ोजिला दर्रे पर बनने वाली 14.15 किलोमीटर लम्बी सुरंग से राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर स्थित द्रास-करगिल होते हुए श्रीनगर और लेह जुड़ जाएंगे। इतनी ऊंचाई पर वाहन चलाना दुनिया का सबसे जोखिम भरा काम होता है। यह परियोजना भू-रणनीतिक तौर पर भी काफी संवेदनशील है।
इस परियोजना का टेंडर मेघा इंजीनियरंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लि. (एमईआईएल) को मिला है। कंपनी ने परियोजना के लिये सबसे कम 4,509.5 करोड़ रुपये की बोली लगयी थी। दो अन्य कंपनियों लार्सन एंड टूब्रो और इरकॉन इंटरनेशनल जेवी ने भी बोली लगाई थी। प्रधानमंत्रत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2018 में 6,800 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिये आधारशिला रखी थी।
करगिल ज़िले में सर्दियों के समय भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। अमरनाथ गुफा की दूरी कम समय में तय की जा सकेगी। द्रास-करगिल, श्रीनगर और लेह आपस में जुड़ जाएंगे। लद्दाख, गिलगिट और बालतिस्तान क्षेत्रों में बड़े स्तर पर सैन्य गतिविधियों को देखते हुए यह देश की रक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। रणनीतिक रूप से भी भारत की ताकत बढ़ेगी। जम्मू-कश्मीर के एकीकरण में मदद मिलेगी।
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