कॉस्ट्यूम डिजाइनर और भारत की पहली ऑस्कर विजेता भानु अथैया का आज मुंबई के कोलाबा स्थित घर में निधन हो गया। वे 91 वर्ष की थी। वर्ष 2015 में वो लकवे का शिकार हो गयीं और वो तभी से चलने-फिरने की हालत में नहीं थीं।
भानु अथैया पहली ऐसी भारतीय शख्सियत थीं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिये जानेवाले ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। 1982 में एकेडमी अवॉर्ड समारोह में भारत का सिर्फ प्रतिनिधित्व ही नहीं किया बल्कि उन्होंने उस दिन देश को गौरवान्वित भी किया। भानु को फिल्म गांधी के लिए जॉन मोलो के साथ मिलकर बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग के लिए ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। हालांकि, साल 2012 में उन्होंने ये सम्मान वापस भी कर दिया। इस फिल्म को कुल आठ ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया था। रिचर्ड एंटनबरो की विश्वविख्यात फिल्म ‘गांधी’ 1982 में रिलीज हुई थी।
भानु अथैया ने बतौर कॉस्ट्यूम डिजाइनर गुरू दत्त द्वारा निर्देशित और 1956 में आई फिल्म ‘सीआईडी’ से अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने गुरू दत्त की ‘प्यासा’, ‘चौदहवीं का चांद’ और ‘साहिब बीवी और गुलाम’ के लिए भी कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग की थी। भानु अथैया की अंतिम फिल्मों में 2001 में रिलीज हुई ‘लगान’ और 2004 में रिलीज हुई ‘स्वदेश’ काफी सफल रहीं। ये दोनों ही फिल्में जाने-माने निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने निर्देशित कीं थी। इसके लगभग 10 साल बाद उन्होंने अपने करियर की अंतिम फिल्म मराठी भाषा की फिल्म ‘नागरिक के लिए कॉस्ट्यूम डिजाइन किये थे।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिये जानेवाले ऑस्कर अवॉर्ड से भानु अथैया को कॉस्टयूम डिजाइन के लिए सम्मानित किया गया। उन्हें 1991 और 2002 में सर्वप्रथम कॉस्ट्यूम डिजाइनर के तौर पर राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया था।
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