राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया के अनुसार गाय के गोबर से बने चिप में रेडिएशन को खत्म करने की क्षमता होती है। इसके साथ ही उन्होंने एक गाय के गोबर से बनी चिप लॉन्च की। गोबर से बने चीप को साथ रखने पर मोबाइल का रेडिएशन काफी हद तक कम हो जाता है। घरों में इसके प्रयोग से घर रेडिएशन मुक्त हो जाएंगे।
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने गौमूत्र और दूध से बने अन्य उत्पादों जैसे कि एंटी-रेडिएशन चिप, पेपर वेट, गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्तियां, अगरबत्ती, मोमबत्तियों और अन्य चीजों के उत्पादन को बढ़ावा देने की बात कही है।
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत भारत सरकार ने 21 फरवरी, 2019 को किया। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग मतस्य पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। 2012 की पशुधन जनगणना के अनुसार भारत में 300 मिलियन पशुधन जनसंख्या है जिसमें से 191 मिलियन गाय और 108.7 मिलियन भैंसे है।
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने इस साल दीपावली के अवसर पर ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ मनाने का अभियान शुरू किया है। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का लक्ष्य इस वर्ष दीपावली त्योहार के दौरान 11 करोड़ परिवारों में गाय के गोबर से बने 33 करोड़ दीयों को प्रज्जवलित करना है। लगभग 3 लाख दीयों को अयोध्या में ही प्रज्वलित किया जाएगा और 1 लाख दीये वाराणसी में जलाए जाएंगे।
गोबर आधारित दीयों, मोमबत्तियों, धूप, अगरबत्ती, शुभ-लाभ, स्वस्तिक, स्मरणी, हार्डबोर्ड, वॉल-पीस, पेपर-वेट, हवन सामग्री, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों का निर्माण पहले ही शुरू हो चुका है।
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