गांवों के विकास के लिए सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरू हुई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को इस योजना शुरूआत की थी। इस योजना के तहत लोकसभा सांसदों को वर्ष 2016 तक अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक आदर्श ग्राम को विकसित करना है तत्पश्चात वर्ष 2019 तक तीन और वर्ष 2024 तक पाँच आदर्श ग्रामों का निर्माण करना था। इस योजना के तहत देश के सभी सांसदों को एक साल के लिए एक गांव को गोद लेकर वहां विकास कार्य करना निश्चित किया गया। इससे गांव में बुनियादी सुविधाओं के साथ ही खेती, पशुपालन, कुटीर उद्योग, रोजगार आदि पर जोर दिया जाना था। भारत सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय इसके लिए अधिकृत है।
सांसद आदर्श ग्राम योजना में नवंबर 2017 तक 19,732 नई परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया था। 7,204 परियोजनाएं पर काम चल रहा था। देश में कुल 800 सांसद हैं, जिनमें से 703 सांसदों ने ग्राम पंचायत का चयन किया है। इन पंचायतों में समुदाय की सह-भागिता से सम्पूर्ण विकास पर ध्यान केन्द्रित किया गया है।
इस योजना की शुरूआत लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर शुरू की गई थी।
योजना के तहत देश के 2400 गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है।
स्कूल और शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करना। पंचायत भवन का निर्माण एवं विकास करना।
चौपाल और धार्मिक स्थल का निर्माण।
गर्भवती महिलाओं के लिए पोषक आहार की व्यवस्था करवाना।
गोबर गैस के लिए सार्वजनिक प्लांट लगवाना।
भोज/दावत की मिठाई या खाने को मिड डे मील में वितरित करवाना।
किसानों को ड्रिप इरिगेशन की सुविधा उपलब्ध कराना
इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक ज़िले में न्यूनतम एक आदर्श ग्राम का विकास करना था
इस योजना का उद्देश्य चयनित ग्रामों को कृषि, स्वास्थ्य, साफ-सफाई, आजीविका, पर्यावरण, शिक्षा आदि क्षेत्रों में सशक्त बनाना था।
अनेक क्षेत्रों में ‘सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना’ योजना के तहत आवंटित निधि का बहुत कम उपयोग किया गया है।
अनेक ग्राम पंचायतों में अवसंरचना कार्य धन की कमी से जूझ रहे हैं।
अनेक ग्राम जिनका आदर्श ग्राम के रूप में चयन किया गया है, उन्हें ‘खुले में शौच मुक्त’ घोषित नहीं किया गया है।
कुछ क्षेत्रों में MPLAD तथा मनरेगा योजना का अभिसरण SAGY योजना के साथ किया गया है जबकि अन्य क्षेत्रों में इस प्रकार का अभिसरण देखने को नहीं मिलता है।
वाराणसी में गंगा के पार के बदहाल डोमरी गांव को सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत वाराणसी के सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चौथे आदर्श गांव के रूप में स्वीकृति दे दी है।
पीएम मोदी सबसे पहले जयापुर और फिर नागेपुर व ककरहिया गांव को गोद ले चुके हैं। इन गांवों की तस्वीर बदलने के बाद अब कार्यकाल के चौथे साल में डोमरी गांव विकसित किया जा रहा है। राजघाट से लेकर दशाश्वमेध घाट के सामने गंगा पर रेती का पूरा इलाका डोमरी गांव में आता है। इस गांव की आाबादी तकरीबन 5800 है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जुलाई 2020 में ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के तहत अपने गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र में पांच गांवों को चुनने की घोषणा की। अहमदाबाद जिले के साणंद तालुका के मानकोल और मोदसार, गांधीनगर जिले के कालोल तालुका के बिल्लेश्वरपुरा और रामनगर तथा गांधीनगर तालुका के रूपाल को चुना है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2014 में ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के तहत अमेठी के जगदीशपुर गांव को गोद लिया था।
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