भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना हैं। भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017- 18 से भारतमाला कार्यक्रम चलाया जा रहा है। भारत सरकार की यह फ्लैगशिप राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है। इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा तो अब तक अधूरे हैं। इसमें सीमा और अंतर्राष्ट्रीय संयोजकता वाले विकास परियोजना को भी शामिल किया गया है। बंदरगाहों और सड़क, राष्ट्रीय गलियारों (नेशनल कॉरिडोर्स) को ज्यादा बेहतर बनाना और राष्ट्रीय गलियारों को विकसित करना भी इस परियोजना में शामिल है। इसके अलावा पिछडे इलाकों, धार्मिक और पर्यटक स्थल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाएंगे। चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच संयोजकता बेहतर की जाएगी भारत सरकार ने भारतमाला योजना के तहत 7 फेज में 34,800 किलोमीटर सड़क बनाने का फैसला लिया है।
भारतमाला परियोजना के अंतर्गत पिछले वर्ष अगस्त तक 12 हजार 413 किलोमीटर लम्बाई वाली कुल तीन सौ बाइस परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि इस परियोजना के अंतर्गत लगभग तीन हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो चुका है। मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की विस्तृत समीक्षा के बाद भारतमाला परियोजना के पहले चरण के लिए निवेश को मंजूरी दी। 34 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए पांच लाख 35 हजार करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय स्वीकृत किया गया।
*भारत के सड़क संपर्क में सुधार।
*आर्थिक गलियारों से कार्गो की त्वरित आवाजाही में वृद्धि।
*अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि।
*निवेश में तेज़ी एवं रोज़गार सृजन में वृद्धि होने की संभावना।
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