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Innovation: पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के बारे में जानें सबकुछ

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कोरोना महामारी के दौर में पूरे देश में स्कूल बंद हैं इसके बाद भी छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों की पढ़ाई को निरंतर जारी रखने के लिए नवाचार के साथ ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसकी चारों ओर प्रशंसा हो रहीं है। नीति आयोग ने भी इस कार्यक्रम की प्रशंसा की है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में स्कूली बच्चों की शिक्षा के लिए ऑनलाईन पढ़ाई के लिए 7 अप्रैल 2020 को ‘ पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी। राज्य में जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी है वहां सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा ऐसे सुदूर और वनांचल क्षेत्र जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है वहां ऑफलाइन कक्षाएं चलायी जा रही हैं। दोनों ही माध्यम से संचालित इस कार्यक्रम को नीति आयोग सहित देश भर के कई हिस्सों से सराहना मिल रही है।

कैसे होता है यह कार्यक्रम

ऑनलाइन पढ़ाई कराने के लिए सीजीस्कूलडॉटइन वेबसाइट बनायी गयी है। इस वेबसाइट में प्रतिदिन स्कूली बच्चों के पढ़ाई के लिए सरल भाषा में तैयार किए गए वीडियो चैप्टर अपलोड किए जाते हैं। वीडियो के अलावा ऑडियो चैप्टर भी तैयार कर अपलोड किए जाते हैं। इस वेबसाइट से 2.03 लाख शिक्षक पंजीकृत हो चुके हैं। इन शिक्षकों ने 18 हजार 184 वीडियो और 914 ऑडियो चैप्टर अपलोड किए गए हैं। बच्चों को विषय वस्तु आसानी से समझाने के लिए 10 हजार 553 फोटो तथा अन्य सहायक सामग्री भी अपलोड की गयी है। साथ ही शिक्षकों द्वारा 2702 पाठ्यक्रम सामग्री तैयार कर वेबसाइट पर उपलब्ध करायी गयी है। इस कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ सरकार की स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से शुरू किया गया है। ‘पढई तुंहर दुआर’ ऑनलाइन मॉड्यूल में अब तक 1.43 लाख शिक्षकों द्वारा कुल 39.57 लाख ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही है और इन कक्षाओं से 3.77 लाख बच्चे मोबाइल से जुड़कर इन कक्षाओं मे पढ़ाई कर रहे हैं।

आफलाइन भी

पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम के तहत राज्य के ऐसे हिस्से जहां इंटरनेट कनेक्टीविटी नहीं है उन स्थानों में ऑफलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही है। इन ऑफलाइन कक्षाओं (पढई तुंहर पारा) में 23 हजार 643 शिक्षकों द्वारा 35 हजार 982 केन्द्रों में सात लाख 48 हजार 266 विद्यार्थियों को पढ़ाई जारी रखने में सहयोग दिया जा रहा है। गांव के पारों, मोहल्लों में ग्रामीणों के सहयोग से इन ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा गांव में लाउडस्पीकर स्कूल के माध्यम से भी स्कूली बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। 2 हजार 343 शिक्षकों द्वारा लाउडस्पीकर स्कूलों का संचालन कर 68 हजार 916 विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है।

बुलटू के बोल कार्यक्रम

‘बुलटू के बोल’ के माध्यम से 1608 शिक्षकों द्वारा सुदूर अंचलों में 27 हजार 433 पालकों को जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैं, उनके साधारण कीपैड फोन में 4677 साप्ताहिक हाट-बाजारों के दौरान 60 हजार 327 ऑडियो पाठों को ब्लू-टूथ के माध्यम से ट्रांसफर कर उनके बच्चों के पढ़ाई में सहयोग किया जा रहा है।
स्कूल शिक्षा विभाग के इस कार्यक्रम को विद्यार्थियों और पालकों से भरपूर सराहना और सहयोग मिला। 1.12 लाख शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया है।

नोट

*पढ़ई तुहार दुआर का अर्थ पढ़ाई आपके आपके द्वारा होता है।

*पढ़ई तुहार दुआर छत्तीगढ़िया भाषा में लिखा गया है।
*छत्तीगढ़ में कांग्रेस की सरकार है।
*यहां के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल है।
*नीति आयोग को पहले योजना आयोग के नाम से जाना जाता था।

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