प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में अटल सुरंग का उद्घाटन किया। यह विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। हिमालय क्षेत्र के पीर पंजाल पहाड़ियों में समुद्र तल से 10 हजार फुट की ऊंचाई पर अत्याधुनिक तकनीक और इलेक्टो-मैक्निकल प्रणाली से इसका निर्माण किया गया है। अटल सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने किया है।
इसकी लंबाई लगभग 9 किलोमीटर है। इसका आकार घोड़े की नाल जैसा है। यह सुरंग मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ती है। इससे पहले भारी हिमपात के कारण इस घाटी से संपर्क लगभग छह महीने के लिए बाधित हो जाता था।
केंद्र सरकार ने हिमाचल और लेह को जोड़ने वाले रोहतांग दर्रे का नाम बदलकर अटल सुरंग कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर 25 दिसंबर 2019 को उनकी स्मृति में रोहतांग टनल का नामकरण ‘अटल टनल’ के रूप में करने की घोषणा की थी।
अटल सुरंग के निर्माण पर करीब 4,000 करोड़ रुपये खर्च हुए है। शुरुआती चरण में सुरंग की निर्माण लागत लगभग 1400 करोड़ रुपये आंकी गई थी। अटल सुरंग के ठीक ऊपर स्थित सेरी नदी के पानी के रिसाव के कारण अटल सुरंग के निर्माण में लगभग पांच साल की देरी हुई।
इस सुरंग से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और यात्रा समय में चार से पांच घटे कम लगेंगे अटल सुरंग से प्रतिदिन अधिकतम 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तीन हजार कार और डेढ हजार ट्रक गुजर सकेंगे। यह भारत की सैन्य एवं राजनीतिक ताकत का गवाह बनेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘अटल टनल’ लेह- लद्दाख की लाइफलाइन बनेगा। इस सुरंग का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर किया गया है।
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