चीन से तनातनी एवं पाकिस्तान के साथ छद्म युद्ध के बीच भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है। ये परीक्षण रक्षा, अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ के द्वारा ओडि़शा के बालासोर से किया गया। जमीन से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल में स्वदेश में निर्मित बूस्टर, एयरफ्रेम सेक्शन और कई अन्य उपप्रणालियां लगाई गई हैं। यह मिसाइल कई स्वदेशी विशिष्टताओं से लैस है जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 400 किलोमीटर से अधिक दूर स्थित किसी भी निशाने को मटियामेट करने में सक्षम है।
डीआरडीओ और रूस के प्रमुख एरोस्पेस उपक्रम एनपीओएम द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्राह्मोस मिसाइल मध्यम रेंज की ‘रेमजेट सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे पनडुब्बियों, युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों तथा जमीन से दागा जा सकता है। यह मिसाइल पहले से ही भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना के पास है। इसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है।