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लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने बिहार के दो आईपीएस को किया तलब, जानें अधिकार और सजा के बारें में

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बिहार पुलिस के दो अधिकारियों को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होना हैं। पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार और मोतिहारी के एएसपी शैशव यादव के खिलाफ बिहार भाजपा के अध्‍यक्ष और लोकसभा सांसद संजय जायसवाल विशेषाधिकार हनन प्रस्‍ताव लेकर आए। संजय के अनुसार, दोनों अधिकारियों ने लोकसभा की कार्यवाही में हिस्‍सा लेने से रोकने के लिए उनके खिलाफ अरेस्‍ट वारंट जारी किया।

नियम:

संसद सत्र शुरू होने के चालीस दिन पहले और बाद में चालीस दिन तक सदस्‍यों को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। अब संसदीय समिति दोनों अधिकारियों से उनका पक्ष जानेगी। संविधान में संसद और उसके सदस्‍यों के विशेषाधिकार का उल्‍लेख अनुच्‍छेद 105 में है। उसमें समूची प्रक्रिया और अवमानना पर सजा के प्रावधान भी हैं। संसदीय समिति के पास दोषी को जेल भेजने का अधिकार भी है।

संसद के अधिकार :

संविधान ने संसद और उसके सभी सदस्‍यों को व्‍यक्तिगत स्‍तर पर कई अधिकार दिए हैं। इसके पीछे संविधान निर्माताओं का उद्देश्य था कि संसद और सांसदों को अपने कर्तव्‍यों का पालन करने में कोई कठिनाई न हो। इन अधिकारों का मूल भाव संसद की गरिमा, स्‍वतंत्रता और स्‍वायत्‍तता की रक्षा रखना है।   कोई भी ऐसी कार्रवाई जो संसद या उसके किसी सदस्‍य को अपना कर्तव्‍य निभाने से रोके, या उसके चलते कर्तव्‍य निभाने में बाधा आए, विशेषाधिकार हनन के तहत आती है। लोकसभा स्‍पीकर 15 सदस्‍यों की विशेषाधिकार समिति का गठन करते हैं। यही कमिटी जांच करती है कि विशेषाधिकार हनन हुआ है या नहीं।

 विशेषाधिकार हनन प्रस्‍ताव लाने की प्रक्रिया:

अगर किसी सदस्‍य को लगता है कि उसे अपनी ड्यूटी करने से रोका जा रहा है तो वह विशेषाधिकार हनन का मामला उठा सकता है। सांसद को लोकसभा के महासचिव को उस दिन लिखित में सुबह 10 बजे से पहले सूचना देनी होती है। अगर 10 बजे के बाद सूचित करते हैं तो उसे अगले दिन की बैठक में शामिल किया जाता है। तय वक्‍त पर स्‍पीकर सांसद का नाम पुकारते हैं, तब सांसद अपनी बात रखते हैं। अगर कोई अन्‍य सदस्‍य प्रस्‍ताव पर आपत्ति जाहिर करता है तो स्‍पीकर प्रस्‍ताव के समर्थन वाले सांसदों से अपनी जगह पर खड़े होने को कहते हैं। 25 या उससे ज्‍यादा सदस्‍यों के खड़े होने पर प्रस्‍ताव पारित माना जाता है।

विशेषाधिकार हनन के दोषी को  सजा :

अगर विशेषाधिकार समिति किसी को विशेषाधिकार या अवमानना का दोषी पाती है तो वह सजा की सिफारिश करती है। सजा के तौर पर समिति संबंधित व्‍यक्ति को तलब कर उसे चेतावनी दे सकती है। समिति के बाद दोषी को जेल भेजने का अधिकार भी है।

नोट:

*वर्तमान में बीजेपी के सुनील कुमार विशेषाधिकार समिति के प्रमुख हैं।

*लोकसभा को भारतीय संसदीय व्यवस्था का निम्न सदन कहा जाता है।

*वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला है।

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