कोसी नदी उत्तर भारत के बिहार राज्य में बहते हुए गंगा नदी में मिल जाती है। यह लगभग 724 किमी की यात्रा के बाद केरूसेला, पूर्णिया के पास गंगा में मिल जाती है। कोसी नदी गंगा की सहायक नदी है। इसे बिहार का शोक कहा जाता है।
मेची नदी नेपाल और भारत से होकर बहने वाली एक नदी है। यह महानन्दा की सहायक नदी है। यह नेपाल में महाभारत पर्वतश्रेणी से निकलती है भारत और नेपाल की सीमा बनाते हुए बिहार राज्य में प्रवेश करती है जहाँ किशनगंज जिले में महानन्दा नदी से मिल जाती है।
*इस परियोजना के माध्यम से सीमांचल क्षेत्र के अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार ज़िलों में सिंचाई की भी व्यवस्था की जाएगी।
*72 किमी. नहर के माध्यम से पश्चिम में कोसी को पश्चिम में किशनगंज में मेची बेसिन के साथ जोड़ा जाएगा
* इस नहर को पूर्व में महानंदा बेसिन के साथ जोड़े जाने की योजना है।
*इस परियोजना को केंद्रीय जल आयोग और राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी जैसे वैधानिक निकायों से मंज़ूरी मिल गई है।
*अगर यह राष्ट्रीय परियोजना घोषित होती है तो लागत का 90% हिस्सा केंद्र सरकार और 10% हिस्सा राज्य सरकार वहन करेगी।
*मध्य प्रदेश की केन-बेतवा रिवर लिंकेज परियोजना के बाद कोसी-मेची लिंकिंग परियोजना देश की दूसरी रिवर लिंकेज परियोजना है।
*यह परियोजना 4,900 करोड़ रुपए की लागत के साथ लगभग पाँच वर्षों में पूरी होने की संभावना है।
*केन्द्र कोसी और मेची नदी को आपस में जोड़ने लिए 49 सौ करोड़ रूपये लगाएगी।
*सिंचाई हेतु कोसी के पूर्वी तट पर 76.20 किलोमीटर लंबी नहर के निर्माण को मंजूरी दी।
*उत्तरी बिहार में बार बार आने वाली बाढ़ से निजात मिलेगी ।
*वर्तमान में बिहार की कोसी बेसिन विकास परियोजना को विश्व बैंक की सहायता से कार्यान्वित किया जा रहा है।
*राज्य सरकार स्वयं के संसाधनों के साथ वैकल्पिक रूप से एशियाई विकास बैंक से उधार के माध्यम से भी लागत की व्यवस्था करेगी।