भारत में नेताओं, अधिकारियों या किसी व्यक्ति को कौन सी सुरक्षा दी जाएं यह खुफिया एजेंसियों के इनपुट के बाद दिया जाता है। इस तरह की सुरक्षा केन्द्र सरकार के मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्री, सर्वोच्च् न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायधीश महशहूर राजनेता एवं सीनियर अधिकारियों को दी जाती है। लगभग 450 व्यक्तियों को अभी ये सुरक्षाएं मिल रहीं है। जिसमें 15 जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा शामिल है।
भारत सरकार की सुरक्षा एजेंसी सीआरपीएफ Y कैटेगरी के अंतर्गत सुरक्षा प्रदान करती है। सीआरपीएफ गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करती है। हाल ही में गृह मंत्रालय ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को Y कैटेगरी सुरक्षा देने की घोषणा की है। बॉलीवुड में हो रहे कार्यो के खिलाफ कंगना ने आवाज उठाई है जिसके बाद उनकी जान की खतरा के सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के बाद यह फैसला लिया गया है। इस सुरक्षा में सीआरपीएफ के विशेष कमांडो सुरक्षा में तैनात होते है।
कंगना रनौत:
कंगना रनौत एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री हैं। जिन्हें तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और चार बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुका है। वे भारत की अग्रणी अभिनेत्रियों में से एक हैं। कंगना को भारतीय सिनेमा में सबसे ज्यादा फीस पाने वाली अभिनेत्री के तौर पर पहचाना जाता है। कंगना रनौत को पांच बार फोर्ब्स इंडिया की टॉप 100 सेलीब्रिटीज की लिस्ट में जगह मिल चुकी है। कंगना हिमाचल प्रदेश के भांभला के एक राजपूत परिवार में आती है। गैंगेस्टर फिल्म के लिये साल का बेस्ट फीमेल डेब्यू का अवार्ड भी मिला। इन्होेंने एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दीं। कंगना ने फैसन, वादा रहा, वो लम्हें, नॉकआउट, तनु वेड्स मनु, रेडी, सिमरन,’मणिकर्णिका: झांसी की रानी’ जैसी अनेकों हिट फिल्मों में काम किया है। हाल ही में कंगना की फिल्म में उनके अभिनय की हर किसी ने तारीफ की। इस फिल्म में उनके द्वारा किया गया अभिनय अद्वितीय है। इन्हें बॉलीबुड की “क्वीन” भी कहा जाता है। वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार के नेताओं से बॉलीबुड को लेकर विवाद चल रहा है जिस क्रम में कंगना 9 सितंबर को महाराष्ट्र जाएंगी। हिमाचल प्रदेश सरकार इनकी सुरक्षा देन के लिए तैयार हो गई है। कंगना बॉलीवुड की एक ऐसी अभिनेत्री हैं जिनका नाम हमेसा से विवादों में रहा है। गृह मंत्रालय ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को Y कैटेगरी सुरक्षा देने की घोषणा की है।
इस सिक्योरिटी के अंदर सीआरपीएफ के स्पेशल कमांडो कंगना की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत बॉलीवुड की पहली कलाकार बन गयी हैं, जिन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘वाई प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा दी है। सुरक्षा घेरे के तहत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के स्पेशल कमांडो उनकी हिफाजत करेंगे।
सीआरपीएफ की सुरक्षा टीम :
देश का सबसे बड़ा अर्द्धसैन्य बल सीआरपीएफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, देश के प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित करीब 60 विशिष्ट लोगों को सुरक्षा मुहैया करा रहा है।
अंबानी परिवार की सुरक्षा:
सीआरपीएफ के कर्मी रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता की भी हिफाजत करते हैं। मुकेश अंबानी को ‘जेड-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई जबकि उनकी पत्नी को ‘वाई-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा है। हालांकि, सरकार से मिलने वाली सुरक्षा के बदले उन्हें रकम का भुगतान करना पड़ता है। बॉलीवुड के अन्य कलाकारों को या तो महाराष्ट्र पुलिस से सुरक्षा मिलती है या वे निजी सुरक्षा एजेंसियों की सेवा लेते हैं।
SPG सुरक्षा:
अक्टूबर 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में एसपीजी की स्थापना की गई थी। यह सुरक्षा प्रधानमंत्री, पूर्व और उनके परिवार को दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गांधी परिवार को एसपीजी की सुरक्षा प्राप्त है। यह सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर होता है। इसमें तैनात कमांडो के पास अत्याधुनिक हथियार और संचार उपकरण होते हैं। स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप की सुरक्षा के बाद जेड प्लस भारत की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। इस श्रेणी में संबंधित विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा में 36 जवान लगे होते हैं। इसमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो और राज्य के पुलिसकर्मी शामिल होते हैं। हर कमांडो मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध करने की कला में माहिर होता है। सुरक्षा में लगे एनएसजी कमांडो के पास एमपी 5 मशीनगन के साथ आधुनिक संचार उपकरण भी होता है। इसके अलावा इनके काफिले में एक जैमर गाड़ी भी होती है जो मोबाइल सिग्नल जाम करने का काम करती है। देश में चुनिंदा लोगों को ही जेड प्लस की सुरक्षा प्राप्त है।
z+ security
जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में 36 जवान शामिल होते है। जिसमें 10 एनएसजी और एसपीजी कमांडो होते है शेष अन्य बलों के जवान होते है। यह सुरक्षा देश के विशेष लोगों को होती है जिनका सुरक्षित रहना देशहित में जरूरी होता है। इस सुरक्षा के पहले घेरे में एनएसजी के घातक कमांडो होते है, दूसरे घेरे में एसपीजी के अधिकारी होते है। इसके अलावा आइटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान तैनात होते है। जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों को मिली हुई है। देश में 15 लोगों को जेड प्लस कैटगरी की सुरक्षा दी गई है।
z security:
Z लेवल सिक्योरिटी की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं जिसमें 4 या 5 एनएसजी के कमांडो को शामिल किया जाता है। इसके अलावा इसमें ITBP, NSG या CRPF को पुलिस के जवान तैनात होते हैं।
y security:
Y कैटगरी की सुरक्षा में सुरक्षाकर्मियों की संख्या 11 है। जिसमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षागार्ड) भी होते हैं। इस श्रेणी में कोई कमांडो नहीं तैनात होता है। देश में सबसे ज्यादा लोगों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है
x security:
X सिक्योरिटी सबसे बेसिक लेवल का प्रोटेक्शन है। इसमें एक पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर यानि पीएसओ सहित केवल 2 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें कमांडो को शामिल नहीं किया जाता है। इस श्रेणी में दो सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं। जिसमें एक पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) होता है। देश में काफी लोगों को एक्स श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है।
गांधी परिवार की सुरक्षा घेरे में कमी:
केंद्र सरकार ने 2019 में गांधी परिवार के सदस्यों सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा में लगे विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) को हटाने का निर्णय लिया है और अब उन्हें केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के कमांडों की निगरानी में जैड प्लस सुरक्षा दी जाएगी। गृह मंत्रालय के अनुसार यह फैसला गांधी परिवार के सदस्यों की सुरक्षा व्यवस्था और उनकी जान को खतरे की समीक्षा के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। गांधी परिवार के सदस्यों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ के कमांडो दस्ते को सौंपी जाएगी और उन्हें जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की प्रधानमंत्री रहते हुए हत्या की गई थी। एसपीजी का गठन प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए विशेष बल के तौर पर किया गया था। एसपीजी में लगभग 3000 अधिकारी हैं। इस निर्णय के लागू होने के बाद एसपीजी के पास संभवत केवल प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी बच जाएंगी। गृह मंत्रालय ने हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस लेकर उन्हें जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी थी।
नोट:
*एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग हरियाणा के मानेसर में होती है।
*एसपीजी का फुल फार्म स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप है।
*पर्सनल सिक्योरिटी आफिसर्स का मतलब निजी सुरक्षा अधिकारी होता है, जो हमेशा साथ रहता है।
*यह भी सेना/पुलिस का ही कर्मी होता है।
*सुरक्षा देने का कार्यक्रम गृह मंत्रालय के द्वारा किया जाता है।
*केवल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी की हत्या कड़ी सुरक्षा के बाद हो गई थी।
*आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार के सारण से भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी की सुरक्षा हटा ली गई है।
*वहीं बिहार के जमुई से लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान की सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ जवानों को वापस बुला लिया गया है।
*चिराग की सुरक्षा श्रेणी में कटौती करते हुए अब उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।
*बहुजन समाज पार्टी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र का नाम केंद्रीय सुरक्षा सूची से हटा लिया गया है। अब उन्हें सिर्फ यूपी में जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी। पहले उन्हें दिल्ली पुलिस और यूपी में सीआरपीएफ की सुरक्षा प्राप्त थी।