विश्व में पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो अभी भी सक्रिय है जबकि आफ्रिका ने पोलियो पर जीत हासिल कर ली है। 25 अगस्त 2020 को इसकी जानकारी विश्व स्वास्थय संगठन ने दी है। आफ्रिका में पोलियो का अंतिम मामला 4 वर्ष पहले उत्तर पूर्वी नाइजीरिया में आया था। विश्व स्वास्थय संगठन द्वारा वर्ष 1988 में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम की शुरूआत की थी।
भारत में पोलियो अभियान की सफलता
विश्व स्वास्थय संगठन ने मार्च 2014 में ही भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया था। भारत में वर्ष 1995 में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम की शुरूआत हुई थी। उस दौर में भारत में प्रतिवर्ष 50 हजार बच्चें संक्रमित होते थे। भारत के पोलियो विषाणु से मुक्त होते ही दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र पालियो मुक्त होने वाला चौथा क्षेत्र बन गया।
अमेरिकी क्षेत्र 1994 में, पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र 2000 ई. में एवं य़ूरोपीय क्षेत्र 2002 में पोलियो मुक्त हो गया था।
पोलियो ( पोलियोमाइलिटिस)
पोलियो एक संक्रामक रोग है जो एक ऐसे वायरस से फैलता है जो गले एवं आंत में रहता है। यह वायरस अक्सर मुंह के जरिए शरीर में फैलता है जिसके बाद यह रक्त के जरिए व्यक्ति के स्नायुतंत्र को नुकसान पहुंचाता है।
यह बिमारी आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमित मल के जरिए फैलता है। यह नाक और मुंह के स्त्राव से भी फैलता है। दूषित भोजन और पानी भी इस बिमारी को फैलाते है। यह मुख्यत: पांच वर्ष तक के बच्चों को संक्रमित करता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को अवरूद्ध कर देता है।
पोलियो का टीका पहली बार जोन्स सॉल्क द्वारा विकसित किया गया। यह बच्चों को ड्रॉप के रूप में दिया जाता है। यह बिमारी बच्चों को विकलांग बना देता है। इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन पोलियो का टीका इससे आजीवन रक्षा करता है।
नोट:
मार्च 2014 में भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया गया था।
पोलियो विषाणु से फैलने वाला रोग है।
इस बिमारी से रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है, जिससे व्यक्ति विकलांगता/मौत का शिकार हो जाता है।
पोलियो वायरस 3 तरह का होता है।
इसके टीके की खोज अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन सॉल्क द्वारा की गई।