रूसी संसद ने समान-विवाह (समलैंगिक विवाह) पर प्रतिबंध को वैध बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रूसी सांसदों ने 14 जुलाई, 2020 को मसौदा कानून प्रस्तुत किया है, जो समान-लिंग विवाह पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करता है। यह कदम 1 जुलाई के रूसी जनमत संग्रह 2020 के मुताबिक है जिसमें मतदाताओं ने संविधान में प्रस्तावित परिवर्तनों को भारी समर्थन मिला था, जिसमें केवल एक पुरुष और एक महिला के मिलन के तौर पर विवाह को परिभाषित किया गया है। इन नए संवैधानिक परिवर्तनों का प्रस्ताव व्लादिमीर पुतिन की अगुवाई वाली रूसी सरकार ने किया था। इन नए संशोधनों से पुतिन के लिए संभवत: वर्ष 2036 तक अर्थात अगले 16 साल तक सत्ता में बने रहने का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है।
रूस में समान-लिंग विवाह पर लगा प्रतिबंध
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि जब तक वह क्रेमलिन में हैं, तब तक वह समलैंगिक विवाह को वैध नहीं बनाएंगे। पुतिन ने खुद को रूसी रूढ़िवादी चर्च के साथ जोड़ा है और इसलिए, वह रूस की पश्चिमी उदारवादी मूल्यों से दूरी बनाना चाहते हैं। यह नया मसौदा कानून न केवल समान-लिंग विवाह पर प्रतिबंध लगाता है, बल्कि समलैंगिक जोड़ों को बच्चे गोद लेने से भी रोकता है। रूसी संसद के निचले सदन स्टेट ड्यूमा में इस कानून को तेजी से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। ऐसी शादी पर प्रतिबंध और गोद लेने पर प्रतिबंध ट्रांसजेंडर लोगों पर भी लागू होगा। यह कानून संवैधानिक वोट के बाद नए कानूनों का औपचारिकता तौर पर एक हिस्सा बन जाएगा। इस नए कानून के पारित होने से संभावित उत्तराधिकारियों के लिए भी इस निर्णय को पलटना और समान-विवाह को वैध बनाना बहुत मुश्किल होगा, भले ही वे ऐसा चाहते भी हों।
संवैधानिक परिवर्तनों के पक्ष में मिला 70 प्रतिशत मत
1 जुलाई, 2020 को रूस की जनता ने व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व वाली रूसी सरकार द्वारा प्रस्तावित संवैधानिक परिवर्तनों के पक्ष में मतदान किया है। इसके तहत लगभग 206 संशोधन प्रस्तावित किए गए थे और सभी रूसियों को समग्र रूप से इन सुधारों के लिए “हां” या “नहीं” में अपना वोट देना था। लगभग 70 प्रतिशत मतों द्वारा देश के इन नए संवैधानिक सुधारों को समर्थन मिला है, जबकि लगभग 29 प्रतिशत लोगों ने इन सुधारों के खिलाफ मतदान किया। इन नए संवैधानिक सुधारों में वे परिवर्तन भी शामिल हैं जिनके तहत, लगभग दो दशकों से रूस के राष्ट्रपति का पद संभालने वाले व्लादिमीर पुतिन को अपने मौजूदा कार्यकाल की समाप्ति के बाद लगातार दो बार अर्थात अगले छह-छह साल तक सरकार चलाने की अनुमति शामिल है।