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राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के विजन को पूरा करने के लिए साल 1991 में की गई थी। 21 जून, 1991 को राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना के साथ ही पांच क्षेत्रों में काम करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद अगस्त, 1991 में राजीव गांधी इंस्टिट्यूट्स ऑफ कंटेपरेरी स्टडीज (आरजीआईसीएस) के रूप में एक थिंक टैंक की स्थापना हुई। न्याय पंचायतों की व्यवहार्यता का अध्ययन इसकी पहली परियोजनाओं में से एक थी। फिर नई दिल्ली स्थित जवाहर भवन में कार्यालय की स्थापना की गई।
1991 से 2009 तक फाउंडेशन ने स्वास्थ्य, साक्षरता, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिला और बाल विकास, निःशक्तजनों को सहायता, पंचायती राज संस्थाओं, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और पुस्तकालयों सहित कई व्यापक मुद्दों पर काम किया है। फाउंडेशन ने साल 2011 में आगे बढ़ते हुए प्रमुख रूप से शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया।

फाउंडेशन के प्रमुख कार्य

  • इंटरैक्ट (संघर्ष से प्रभावित बच्चों को शैक्षिक सहायता प्रदान करने का कार्यक्रम)
  • राजीव गांधी एक्सेस टू ऑपॉर्च्युनिटीज कार्यक्रम (शारीरिक रूप से निशक्त युवाओं की गतिशीलता बढ़ाने का कार्यक्रम)
  • राजीव गांधी कैम्ब्रिज स्कॉलरशिप प्रोग्राम (मेधावी भारतीय छात्र-छात्राओं को कैंब्रिज में पढ़ने हेतु वित्तीय सहायता)
  • प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (ग्राम गौरव कार्यक्रम को सहायता)
  • वंडरूम (बच्चों के लिए एक अभिनव पुस्तकालय को सहायता)

सोनिया गांधी हैं फाउंडेशन की अध्यक्ष

राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। जबकि, न्यासीगणों में डॉ मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सुमन दुबे, राहुल गांधी, डॉ शेखर राहा, प्रो एमएस स्वामीनाथन, डॉ अशोक गांगुली, संजीव गोयनका और प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम शामिल हैं।

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