आंचल के बारे में
भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में आंचल गंगवाल का चयन हुआ है। ये वायुसेना में फायटर पायलट बनने से पहले सब—इंस्पेक्टर एवं लेबर इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़ चुकी थी। इनके पिता सुरेश गंगवाल और माता बबीता है। आंचल के बड़े भाई इंजीनियर है और सबसे छोटी बहन बी. कॉम की छात्रा है। आंचल गंगवाल बचपन से ही पढ़ाई में बेहतरीन रही है इन्होंने बोर्ड परीक्षा में 92 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। मध्य प्रदेश के नीमच में चाय की दुकान लगाने वाले सुरेश गंगवाल की बेटी 23 वर्षीय आंचल गंगवाल ने परिवार के साथ पूरे देश का सम्मान बढ़ाया है तथा युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत बनी है।
हैदराबाद से ट्रेनिंग
इन्होंने हैदराबाद स्थित वायुसेना ट्रेनिंग अकादमी से ट्रेनिंग ली है। इस शनिवार को हुए पासिंग आउट परेड में आंचल ने वायुसेना अध्यक्ष आर.के. एस. भदौरिया के समक्ष मार्च पास्ट किया था। 123 कैडेट्स के साथ आंचल का भी वायुसेना में तैनाती हो गई है।
आंचल गंगवाल के अनुसार मुसीबतों से लड़ने का जज्बा अपने पिता से सीखा है, आर्थिक परेशानियां आती रहती है, लेकिन इनका मुकाबला करने के हौसले से सारी परेशानियों को परास्त किया जा सकता है।
प्रेरणाश्रोत
2013 ई. में उत्तराखंड में आई त्रासदी में वायुसेना के पायलटों के शौर्य को देखकर इन्होंने वायुसेना में जाने का मन बनाया था।
आंचल ने वायुसेना में फायटर पायलट बनने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर और लेबर इंस्पेक्टर की नौकरी को बॉय—बॉय कर दिया। आंचल को छठे प्रयास में यह सफलता मिली है।
नीमच:नीमच जिला मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में पड़ता है।
11 अक्टूबर 1967 को वायुसेना अकादमी की आधारशिला राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन के द्वारा रखी गई थी।