2 जून 2020 करेंट अफेयर्स क्विज
June 2, 2020
3 जून 2020 करेंट अफेयर्स क्विज
June 3, 2020

जिस सदन में जनता के लिए नियम कानून बनते है, जो लोकसभा के निर्णयों की समीक्षा कर सकता है, जिसमें विशेषज्ञों की भरमार होती है। आइयें आज उस सदन के बारें में जानते है। सारे तथ्य।

राज्सभा 

भारतीय संसद के दो सदन है। एक लोकसभा है तथा दूसरा राज्यसभा। राज्यसभा को उपरी सदन या सदन का बड़ा भाई कहा जाता है। राज्य सभा को कौसिंल आफ स्टेट भी कहा जाता है। भारत के उपराष्ट्रपति इसके पदेन सभापति होते है। सदन में सदस्यों द्वारा एक उपसभापति का चुनाव होता है।
भारत मे पहले लोकसभा चुनाव के बाद एक और सदन की आवश्यकता थी। इसी को ध्यान में रखते हुए  राज्यसभा का गठन हुआ। अर्थात सदन के बड़े भाई का जन्म हुआ। यह स्थाई सदन है। यानि इसे कभी भी भंग या हटाया नही जा सकता है। इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। इस सदन में कुल 250 सदस्य होंगे। 238 सदस्य राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते है तथा 12 सदस्य मनोनित किए जाते है।  राज्यसभा का पहला सत्र 13 मई 1952 को हुआ था। राज्यसभा भारत सरकार अधिनियम, 1919 में दुूसरे सदन के रूप में गठित किया गया है, मांटेंग्यू चेम्सफोर्ड उस समय मुख्य अंग्रेज पदधिकारी थे।

राज्यसभा सीटें

जिनपर वर्तमान में सदस्य चुने जाते है वैसे राज्य सभा के  सीटों की संख्या 245 है।  233 सदस्य चुने जाते है और 12 को राष्ट्रपति मनोनित करते है।  अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, चंडीगढ़, दमन एवं दीव, दादरा एवं नगर हवेली ​से किसी भी राज्यसभा सदस्य का चुनाव नहीं होता है। हर दो साल पर इसके एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो जाता है तब इन खाली सीटों सीटों पर चुनाव होता है। 2020 में 55 सीटों के चुनाव होगा जबकि 2018 में 58 सीटों के लिए चुनाव हुआ था।
वोटिंग का फार्मूला
किसी राज्य की राज्यसभा की खाली सीटों में एक जोड़कर उससे कुल विधानसभा सीटों को विभाजित किया जाता है। इसके बाद जो संख्या मिलती है उसमें 1 जोड़ दिया जाता है। जैसे— बिहार में राज्यसभा की एक सीट खाली है। बिहार में विधायकों की संख्या 243 है। अब इस खाली 1 सीट में 1 जोड़ देंगे तब यह 2 हो जाएगा अब प्राप्त संख्या 2 से 243 में भाग दिया जाएगा यानि 121 के आसपास वोट राज्यसभा सदस्य प्रत्याशाी को जीत दिला सकते है। लेकिन विधायक सभी सीटों के लिए अपना वोट नहीं डाल सकते। प्रत्येक विधायक का वोट एक बार ही गिना जाता है। इसलिए वे सभी सीटों के लिए वोट नही कर सकते। विधायकों को चुनाव के दौरान अपनी पहली, दूसरी पसंद बनानी होती है जिस प्रत्याशी को सबसे ज्यादा समर्थन मिलता है वही सदस्य चुन लिया जाता है।

राज्यों एवं संघ क्षेत्रों में सीटों की स्थिति

उत्तर प्रदेश 31 ,      महाराष्ट्र 19 ,       तमिलनाडु 18 ,       पश्चिम बंगाल 16,       बिहार 16 ,        कनार्टक 12 ,          गुजरात 11,           मध्य प्रदेश 11 ,        आंध्र प्रदेश 11,        राजस्थान 10  ,           ओडिशा 10,             केरल 9,            असम 7 ,             तेलंगाना 7,        पंजाब 7 ,                   झारखंड 6,               छत्तीसगढ़ 5 ,         हरियाणा 5,          जम्मू कश्मीर 4 ,   उत्तराखंड 3  ,   हिमाचल प्रदेश 3 , राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली 3 ,         अरूणाचल प्रदेश 2  ,       गोवा 1 ,                त्रिपुरा 1,               नागालैंड 1,            पुडुचेरी 1 ,     मेघालय 1,            मणिपुर 1,                 मिजोरम 1 ,              सिक्किम 1

संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत राज्य सभा को अधिक शक्तियाँ दी गई हे।इसके 12 सदस्यों को राष्ट्रपति महोदय मनोनित करते है। जिन व्यक्तियों को राष्ट्रपति मनोनित करते है वे किसी न किसी क्षेत्र के विशेषज्ञ होते है। वे साहित्य, फिल्म, खेल, विज्ञान, सा​माजिक सेवा इत्यादि से जुड़े हो सकते है।
चौथी अनुसूची में राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में राज्य सभा सीटों के आवंटन का प्रावधान है। इसका आधार उस राज्य की जनसंख्या होती है। नए क्षेत्रों के बनने पर 1952 से ही इनके सीटों में परिवर्तन होता रहा है। संविधान के अनुच्छेद 84 में राज्यसभा के सदस्यों की योग्यता से जुड़े प्रावधान है।

सदस्य की योग्यताएं
राज्य सभा सदस्य चुने जाने वाले व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए—
उसे भारत के किसी भी राज्य या केन्द्रशासित प्रदेश का नागरिक होना चाहिए। उसकी आयु कम से कम 30 वर्ष अवश्य होनी चाहिए। संसद ने और भी जो योग्याएं निर्धारित की हो उसे पूरा करता हो।

अयोग्य होने के कारण
अनुच्छेद 102 के अंतर्गत उसे राज्यसभा से अयोग्य घोषित करने का प्रावधान है। यदि वह व्यक्ति भारत सरकार या किसी राज्य सरकार में लाभ के पद पर हो यदि न्यायालय ने उसक पहले से अयोग्य घोषित कर दिया हो। यदि वह भारत का नागरिक न हो, वह मानसिक रूप से बिमार न हो, दिवालिया न हो, किसी विदेशी देश की नागरिकता ले रखी हो। इसके सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होता है यानि जनता इसमें भाग नहीं लेती है बल्कि जनता ने जिन प्रतिनिधियों (विधायक) को चुना होता है वे राज्यसभा सदस्यों का चुनाव करते है। इस चुनाव में विधान पार्षद यानि एमएलसी मतदान नहीं कर सकते।

संविधान के अनुच्छेद 75 (3) के तहत मंत्रीपरिषद केवल लोकसभा अर्थात निचले सदन के प्रति उत्तरदायी होती है। जिसका मतलब है कि राज्यसभा सरकार को बना या गिरा नहीं सकती है। जबकि यह उसके कार्यो पर नियंत्रण रख सकती है। दोनों सदनों में किसी विधेयक पर गतिरोध होने की स्थिति में संयुक्त बैठक बुलाया जा सकता है। अभी तक तीन बार संयुक्त बैठक बुलाई गई है। संयुक्त बैठक संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित की जाती है। जिसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते है। ओम बिड़ला वर्तमान में लोकसभा अध्यक्ष है। धन विधेयक के मामले में राज्यसभा केपास कोई भी शक्तियाँ नहीं है यह केवल सुझाव दे सकता है। सरकार में मंत्री किसी भी सदन के हो सकते है। प्रत्येक मंत्री किसी भी सदन में अपनी बात रख सकता है लेकिन वोट केवल उसी सदन में दे सकता है जिसका वह सदस्य है। जैसे प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा सदस्य है इस तरह से वह केवल लोकसभा में वोट डाल सकते है।
राज्यसभा ​की विशेष शक्तियाँ
इस सदन के पास तीन विशेष शक्तियाँ प्राप्त है
1. अनुच्छेद 249 के अंतर्गत राज्य सूची के विषय पर एक साल तक बिल बनाने का हक
2. अनुच्छेद 312 के अधीन नवीन अखिल भारतीय सेवा का गठन 2/3 के बहुमत से कर सकता है।
3. अनुच्छेद 67 के तहत उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रस्ताव सिर्फ राज्यसभा में ही लाया जा सकता है।

सभापति

राज्यसभा के सभापति 11 अगस्त 2017 से वैंकेया नायडू है। इस सदन के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह है। जिनका संबंध जनता दल यूनाइटेड से है। भाजपा के थावरचंद गहलोत सदन के नेता है तथा गुलाम नबी आजाद विपक्ष के नेता है। ये कांग्रेस पार्टी के है। राज्यसभा भवन संसद भवन, संसद मार्ग, नईदिल्ली में है। राज्यसभा लोकसभा के पास किए गए प्रस्तावों की समीक्षा, जाँच या कमी देखता है। आपातकाल लगाने वाले सभी प्रस्ताव जो महामहिम के सामने रखे जाते है उनका राज्यसभा से पास होना जरूरी है। इस सदन में सभी 22 भारतीय भाषाओं में अपनी बात रख सकते है क्योंकि इस सदन में सभी भाषाओं की एक साथ व्याख्या की सुविधा है।

संविधान की चौथी अनुसूची में राज्यसभा में राज्यों एवं संघ क्षेत्रों के लिए सीटों का वर्णन है।
बीजेपी के 78 राज्यसभा सदस्य है जिसमे 70 चुनकर आए है, 8 मनोनित सदस्य है। दुसरे स्थान पर एआईएडीएमके है।

जनरल सेक्रेटरी

राज्यसभा के सेक्रेट्री जनरल की नियुक्ति राज्यसभा के चेयरमैन करते है। जो सिविल सेवा के सर्वोच्च पद के बराबर होता है। संविधान ने राज्यसभा सदस्यों को कुछ स्पेशल पावर प्रदान किया है। इसके जनरल सेक्रेटरी 1 सितंबर 2017 से देश दीपक वर्मा है।

खाली सीटों पर चुनाव का ऐलान
10 राज्यों की सभी 24 खाली सीटों पर राज्यसभा चुनाव 19 जून को होगा। इनमें से 18 वे सीटें है जिनका मार्च में चुनाव होना था जो लाकडॉउन के कारण रद्द हो गया था। वर्तमान में सदस्य 245 में से खाली सीटों की संख्या 24   इसका ऐलान 1 जून को  हुआ।  इस चुनाव में सबसे दिलचस्प चुनाव मध्यप्रदेश में होने वाला है यहां भाजपा में कांग्रेस आए ज्योतिरादितय सिंधिया पर सबकी नजरें टिकी हुई है जिनका मुकाबला कांग्रेस के सुमेर सिंह सोलंकी से होगा।

1 Comment

  1. सुमेर सिंह सोलंकी भी भाजपा के है।

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