बरसात के मौसम में आपने इन्द्रधनुष तो अवश्य देखा होगा, इसके बारे में जानने की उत्सुकता भी हुई होगी आज इसके बारे में संपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की जा रही है।
इन्द्रधनुष है क्या
बरसात के मौसम में जब आकाश में रंग—बिरंगी विशाल वक्राकार आकृति दिखाई देती है, उसे ही इन्द्रधनुष कहते है। मूलत: देखा जाए तो इन्द्रधनुष के सात रंगो को ही रंग या कलर का जनक माना जा सकता है।
इन्द्रधनुष बनता कब है
बरसात के मौसम में जब कभी आसमान में काले बादल छाए रहते है तो मन में एक खुशी होती है कि अब बारिश होगी। जब हल्की—फुल्की बारिश की मनमोहक फुहारें पड़ती है तो मन में अन्यास ही मन झूम उठता है। इस समय जब सूर्य की किरणें इन बादलों एवं फुहारों से टकराती है तब रंग—बिरंगों की छटा वाला इन्द्रधनुष बनता है। इस समय प्रकृति काफी सुंदर नजर आती है। वैज्ञानिक तरीके में इन्द्रधनुष का बनना प्रकाश के विक्षेपण या डिस्पर्शन या फैलाव की घटना है। यह शाम के समय पूर्व में एवं सुबह के समय पश्चिम में बनता है। यह हमेशा दर्शक की पीठ के पीछे सूर्य होने पर ही दिखाई देता है।
इन्द्रधनुष में रंग
इन्द्रधनुष में सात रंग पाएं जाते है, ये बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल है। इन रंगों की अपनी—अपनी अहमियत है।
बैंगनी
बैंगनी वायलेट रंग का नाम बैगन सब्जी के नाम पर रखा गया है। यह रंग लाल और नीले रंग को मिलाने से बनता है। यह रॉयल्टी, लग्जरी एवं धन का रंग है।
जामुनी
जामुनी रंग का नाम जामुन फल के नाम पर रखा गया है। यह बहुत ही गहरा होता है यह हमें विशालता का संदेश देता है। यह हमें देश के लिए कुछ अच्छा करने का संदेश देता है।
नीला
नीला रंग ठंडा रंग माना जाता है, यह हमें शांत, वफादार एवं भरोसेमंद बनने का संदेश देता है। आसमान और सागर दोनों का रंग नीला ही है। पृथ्वी को नीला ग्रह भी कहा जाता है।
हरा
हरा रंग हरियाली का सुचक है, यह नई उमंग, उत्साह बनाएं रखने का संदेश देता है।
पीला
यह जीवन और रोशनी का प्रतीक है, लगभग सूर्य का रंग भी पीला लीए हुए रहता है।
नारंगी
नारंगी रंग सुर्य जब उदय होते है तब का रंग है। यह रंग कहता है कि अंधेरा है तो सबेरा भी होगा।
लाल
लाल रंग वीरता, साहस और शौर्य का प्रतीक है, रक्त का रंग भी लाल ही होता है।
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Very good line