अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की है कि अमेरिका अब ओपन स्काइज संधि से अलग होगा। ओपन स्काईज की संधि पर 2002 में हस्ताक्षर किए गए थे। इस संधि ने प्रतिभागियों के लिए एक हवाई निगरानी प्रणाली की स्थापना की। संधि पर हस्ताक्षर करने वाले 34 सदस्य हैं। अमेरिका और रूस दोनों संधि के हस्ताक्षरकर्ता हैं।
ये हैं संधि की विशेषताएं
यह संधि निहत्थे हवाई अवलोकन का एक क्षेत्र स्थापित करती है। इसके तहत हस्ताक्षरकर्ताओं के क्षेत्रों पर अवलोकन की अनुमति है। यह आपसी समझ को बढ़ाता है और सभी प्रतिभागियों में विश्वास उत्पन्न करता है।
क्या है समस्या
अमेरिकी राष्ट्रपति ने संधि से पीछे हटने की घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि रूस इस संधि की अवहेलना की है। डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद से यह ऐसा तीसरा समझौता है जिससे अमेरिका अलग हुआ है।
हस्ताक्षरकर्ता देश
इस संधि के हस्ताक्षरकर्ता देशों में यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली, फिनलैंड, पुर्तगाल, स्वीडन, तुर्की, बेल्जियम, बेलारूस, क्रोएशिया, बुल्गारिया, बोस्निया, हर्जेगोविना, चेक गणराज्य, एस्टोनिया, डेनमार्क, जॉर्जिया, फिनलैंड, रूस, आइसलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, रूस, यूक्रेन और स्लोवेनिया शामिल है। किर्गिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जिसने इस संधि की पुष्टि नहीं की है
इस मामले में भारत की स्थिति
भारत की जापान के साथ भी ऐसी ही संधि है। भारत और जापान ने 2017 में ‘ओपन स्काई’ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भारत ने राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति, 2016 के अनुसार इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।