5 मई, 2020 को भारतीय नौसेना ने मालदीव में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन “समुद्र सेतु” शुरू किया। वे एयरलाइंस का संचालन बंद होने के कारण विदेशी भूमि में फंसे हुए हैं। भारतीय जहाजों जलाशवा और मगर को माले, मालदीव के बंदरगाह पर भेजा जा रहा है। पहली यात्रा के दौरान लगभग 1000 व्यक्तियों को लाने की योजना है। मालदीव से निकाले जाने वाले भारतीयों की सूची भारतीय मिशन द्वारा मालदीव में तैयार की जा रही है। आईएनएस जलाश्व 8 मई, 2020 को मालदीव पहुंचेगा। यह 17,521 टन को विस्थापित करने में सक्षम है। आईएनएस मगर 10 मई, 2020 को मालदीव में पहुंच जाएगा। यह एक उभयचर युद्ध पोत है, जो 5,750 टन को विस्थापित करने में सक्षम है।
आईएनएस जलाश्व
आईएनएस जलाश्व को पहले यूएसएस ट्रेंटन के नाम से जाना जाता था। यूएसएस ट्रेंटन को 2006 में अमेरिका से खरीदा गया था। खरीद के बाद जहाज का नाम आईएनएस जलाश्व रखा गया था। संस्कृत में जलशवा का अर्थ है “दरियाई घोड़ा” होता है। आईएनएस जलाशवा एक उभयचर युद्ध पोत है।
एम्फ़िबियस असॉल्ट शिप्स का महत्व
2018 में भारत सरकार ने 20,000 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की। इस परियोजना के तहत भारत में चार उभयचर जहाज बनाए जाएंगे। इनमें से प्रत्येक जहाज का वजन 30,000 टन होगा। INS विक्रांत के बाद ये चार जहाज देश में बनने वाले सबसे बड़े जहाज होंगे।