वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत के मुख्य उद्योगों (कोर सेक्टर) का उत्पादन मार्च, 2020 में लॉकडाउन के कारण सिकुड़ गया। भारत के कोर सेक्टर में कच्चा तेल, इस्पात, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, सीमेंट, उर्वरक, बिजली और कोयला शामिल हैं। मार्च के महीने में कोर उद्योगों का उत्पादन 6.5% घटा है। यह 2012 के बाद सबसे तेज कमी है। परिवहन क्षेत्र पूरी तरह से रुका होने के कारण पेट्रोलियम क्षेत्र में 0.5% की गिरावट आई है। बिजली की मांग में 7.2% की कमी आई है। उत्पादन अपेक्षाकृत कम हो गया था। निर्माण क्षेत्र के पूरी तरह से बंद के बाद सीमेंट उद्योग में 25% की गिरावट देखी गई है। स्टील उत्पादन की मांग में 13% की कमी आई है। कोयला एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जिसमें सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है।
क्या पड़ेगा फर्क
भारत के इन 8 प्रमुख उद्योगों का देश के औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक में 40.27% योगदान है। इन उद्योगों के उत्पादन में कमी आने के कारण देश का आर्थिक उत्पादन काफी कम रहेगा।
कौन जारी करता है यह सूचकांक
केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन द्वारा औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक (आईआईपी) प्रकाशित किया जाता है। यह विभिन्न औद्योगिक समूहों की वृद्धि दर को दर्शाता है। वर्ष 2011-12 को आधार वर्ष मानकर आईआईपी की गणना की जाती है। आईआईपी संकेतक खनन, बिजली और विनिर्माण जैसे विशाल क्षेत्रों के उत्पादन को मापता है। यह उपयोग आधारित क्षेत्रों जैसे कि पूंजीगत वस्तुओं, मध्यवर्ती वस्तुओं और बुनियादी वस्तुओं से संबंधित क्षेत्रों के उत्पादन को भी मापता है।