प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मई, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से NAM (Non-Aligned Movement) शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस शिखर सम्मेलन में COVID-19 से संबंधित चुनौतियों और समाधानों पर चर्चा की गई। 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष पहली बार NAM शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। 2016 में यह शिखर सम्मेलन वेनेजुएला और 2019 में अजरबैजान में आयोजित किया गया था। 2012 में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने तेहरान NAM शिखर सम्मेलन में भाग लिया था।
गुट निरपेक्ष आंदोलन
गुट निरपेक्ष आंदोलन (Non-Aligned Movement) की शुरुआत 1961 में बेलग्रेड में की गई थी। इसमें भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु तथा यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति जोसिप ब्रोज टिटो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह शीत युद्ध के दौरान अस्तित्व में आया था। इसका उद्देश्य नव स्वतंत्र देशों को किसी गुट (अमेरिका व सोवियत संघ) में शामिल होने के बजाय तटस्थ रखना था। गुट निरपेक्ष आंदोलन के 120 सदस्य और 17 पर्यवेक्षक हैं।
गुट निरपेक्ष आंदोलन के सिद्धांत क्या हैं
गुट निरपेक्ष आंदोलन के पांच प्रमुख सिद्धांतों में परस्पर सम्मान, आपसी गैर-आक्रामकता, समानता और पारस्परिक लाभ, घरेलू मामलों में आपसी गैर-हस्तक्षेप और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व शामिल हैं।