केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने बिजली क्षेत्र में बड़े सुधार की तरफ कदम बढ़ाते हुए बिजली संशोधन विधेयक, 2020 को मंजूरी दे दी है। इसके अंतर्गत समाज के बेहद गरीब तबके के लोगों और इस वक्त सब्सिडी का लाभ ले रहे लोगों तक सीधे लाभ पहुंचाने के लिए बिजली क्षेत्र में भी सब्सिडी वितरण के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) का तरीका अपनाने का प्रावधान किया गया है।
विद्युत मंत्रालय ने हाल ही में बिजली संशोधन विधेयक का नया मसौदा जारी सार्वजनिक सुझाव आमंत्रित करने के लिए जारी किया है। केंद्रीय बिजली मंत्रालय साल 2014 से बिजली (संशोधन) विधेयक का चौथा मसौदा लेकर आया है, जो विद्युत अनुबंध स्थापित करने का प्रयास करता है। मंत्रालय ने 17 अप्रैल 2020 को यह मसौदा जारी किया और लोगों से तीन हफ्ते के भीतर अपने सुझाव देने को कहा है।
बिजली संशोधन विधेयक के नये मसौदे की खास बातें
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यह साल 2014 के बाद से बिजली संशोधन विधेयक का चैथा मसौदा है। इसमें विद्युत अनुबंध प्रवर्तन प्राधिकरण (ईसीईए) की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा गया है। इस अथॉरिटी को बिजली खरीद करार के मुद्दे पर बिजली उत्पादन और वितरण कंपनियों के बीच विवाद के निबटारे के लिए सिविल कोर्ट जैसे अधिकार देने का भी प्रस्ताव रखा गया है। हालांकि, इस अथॉरिटी के फैसलों को बिजली अपीलीय आयोग और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।